जम्मू

इस पिता की नियति को कुछ और ही था मंजूर…

हर पिता की ये ख्वाईश होती है कि उसकी संतानें दीर्घायु ( Father pray long life of their childrens but ) हों। ऐसी ही ख्वाईश लदï्दाख के रहने वाले इस शख्स ने भी की होगी, किन्तु नियति को कुछ ओर ही मंजूर ( Detiny of this father is different ) था। पिता का रोग बेटे को लग गया।

जम्मूMar 12, 2020 / 08:25 pm

Yogendra Yogi

इस पिता की नियति को कुछ और ही था मंजूर…

जम्मू(योगेश): ( Jammu-Kashmir News ) हर पिता की ये ख्वाईश होती है कि उसकी संतानें दीर्घायु ( Father pray long life of their childrens but ) हों। पिता के सामने यदि कोई अनहोनी हो भी जाए तो वो यही चाहता है कि उसकी उम्र उसके बच्चों को लग जाए पर उन्हें कुछ नहीं होना चाहिए। ऐसी ही ख्वाईश लदï्दाख के रहने वाले इस शख्स ने भी की होगी, किन्तु नियति को कुछ ओर ही मंजूर ( Detiny of this father is different ) था। बेटे को अपने कारण अपनी आंखों के सामने तिल-तिल करके मौत के मुंह में जाते हुए देखने को अभिशप्त लद्दाख के रहने वाले इस शख्स पर कैसी बीत रही होगी, इसकी सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है। पिता का रोग बेटे को लग गया। अब दोनों अपने दिन गिन रहे हैं। ( Father and son are dying ) हालांकि चिकित्सकों का प्रयास है कि दोनों बीमारी से मुक्त हो जाएं किन्तु इसकी संभावना बेहद कमजोर है।

पिता से पुत्र को हुआ कोरोना का संक्रमण
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में रहने वाले इस व्यक्ति को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। इसी के साथ यहां कोरोनावायरस संक्रमित रोगियों की संख्या तीन पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि यह उसी व्यक्ति का बेटा है, जो हाल ही में ईरान से लद्दाख आया है। लद्दाख पहुंचने पर उसे आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है। वायरस की जांच करने के लिए उसके सैम्पल लिए गए हैं। टेस्ट रिपोर्ट में यह पुष्टि हो चुकी है कि यह व्यक्ति भी कोरोनावायरस से संक्रमित है।

पुत्र आइलसोलेशन में भर्ती
लद्दाख के कमिश्नर सेके्रटरी रिगजीन सेम्फेल ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि इसके पिता पहले से ही कोरोनावायस से ग्रस्त हैं। यह उनके संपर्क में आया था। इसी वजह से इसे निगरानी में रखा गया था। अब यह पता चल चुका है कि यह भी कोरोनावायरस से ग्रस्त है। इसे अभी आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है और इसका इलाज चल रहा है। लद्दाख में इसी के साथ अब कोरोनावायरस से ग्रस्त लोगों की संख्या तीन पहुंच गई है। इससे पहले भी जो दो लोग कोरोनावायरस से ग्रस्त हैं, वह भी ईरान यात्रा कर वापिस लौटे थे।

अभागा पिता
किसी पिता पर क्या बीतती होगी जब उसकी अज्ञानता से बेटा भी उसके साथ धीरे-धीरे मौत के मुंह में जाता हुआ दिखाई दे। यह शख्स खुद को माफ नहीं कर पा रहा है। उसकी वजह से ही उसका बेटा भी कोरोना वायरस का शिकार हो गया।

ईरान में हैं काफी कश्मीरी
वही ईरान में जियारत के लिए गए श्रद्धालुओं की घर वापसी को लेकर केंद्र शासित जम्मू कश्मीर और लद्दाख प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। इन लोगों के साथ कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा भी है, जिसे रोकना और निपटना बड़ी चुनौती है। जम्मू कश्मीर प्रदेश के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने कहा कि कोरोना वायरस का संकट गंभीर है। जम्मू कश्मीर के बहुत से लोग इस समय जियारत के दर्शन के लिए ईरान गए हुए हैं।

चीन में भी यहां के लोग
चीन में भी जम्मू कश्मीर के बहुत से नागरिक हैं। ईरान में इस समय जम्मू कश्मीर के बड़ी संख्या मे श्रद्धालु रुके हुए हैं। इनके अलावा करीब 300 छात्र भी हैं। इन सभी के इसी माह के अंत तक कश्मीर लौटने की उम्मीद है। केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को इन लोगों के परिजनों से कश्मीर में मुलाकात भी की थी। उन्होंने बताया कि संकट से निपटने और करोना प्रभावित मुल्कों से लौटने वालों के लिए पूरे प्रबंध किए गए हैं।

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