scriptकश्मीर का नाम जेहन में आते ही…पर इस बार ऐसा नहीं है | The name of Kashmir comes to mind ... but this time it is not so | Patrika News

कश्मीर का नाम जेहन में आते ही…पर इस बार ऐसा नहीं है

locationजम्मूPublished: Oct 29, 2019 05:13:39 pm

Submitted by:

Yogendra Yogi

कश्मीर का नाम आते ही किसी अनहोनी का ख्याल आने लगता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। इस बार एक खुश खबर है। फलों की बम्पर पैदावार से फल उत्पादकों के चेहरे खिले हुए हैं।

कश्मीर का नाम जेहन में आते ही...पर इस बार ऐसा नहीं है

कश्मीर का नाम जेहन में आते ही…पर इस बार ऐसा नहीं है

श्रीनगर : कश्मीर ( Kashmir ) का नाम आते ही किसी अनहोनी का ख्याल आने लगता है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। इस बार एक खुश खबर ( Good News ) है। कश्मीर ने सेब ( Apple ) सहित अन्य फलों के निर्यात ( Record Export ) का डंका बजा दिया है। फलों की बम्पर पैदावार से फल उत्पादकों के चेहरे खिले हुए हैं। उत्पादकों और उनसे जुड़े कारोबारियों और श्रमिकों की आमदनी में इजाफा हुआ है। यह सब हुआ है जब आतंकी आए दिन मरने-मारने की धमकियां दे रहे हैं। घाटी में शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कफ्र्यू जैसे हालात के बीच निर्यात में वृद्धि में केंद्र सरकार की भी महत्ती भूमिका है। केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में फलों के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए मार्केट इंटरवेंशन स्कीम शुरू की।

सेब सहित अन्य फलों का रिकार्ड निर्यात
कश्मीर के बागवानी विभाग का दावा है कि इस साल अब तक कश्मीर में सेब के निर्यात में 1.91 लाख मीट्रिक टन की वृद्धि देखी गई है जो प्रचलित अनिश्चितता और घाटी के फल बाजारों को बंद होने के बावजूद हुई है ।
उद्यानिकी विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, घाटी से अब तक राज्य के फलों के बाजारों में 7.34 लाख मीट्रिक टन सेब का निर्यात किया जा चुका है।

पिछले साल का रिकार्ड टूटा
पिछले साल अब तक 5.43 लाख मीट्रिक टन सेब का निर्यात कश्मीर के विभिन्न फलों के बाजारों से किया जाता था। निदेशक बागवानी, ऐजाज़ अहमद भट के मुताबिक यह लगभग 54288 ट्रक हैं। अभी आने वाले दिनों में निर्यात में और सुधार होने की संभावना है। निर्यात में मार्केट इंटरवेंशन स्कीम के तहत उत्पादकों से खरीदे गए 2500 मीट्रिक टन सेब शामिल हैं, जिसे सरकार ने हाल ही में लॉन्च किया था

केंद्र सरकार का प्रोत्साहन
ऐजाज भट ने कहा, “इस योजना के तहत पंजीकृत 1200 सेब उत्पादकों से 1,70,000 सेब बॉक्स खरीदे गए हैं।”पिछले दो सप्ताह से विशेषकर पोस्टपेड मोबाइल सेवाओं की बहाली के बाद फलों का निर्यात बढ़ा है। आंकड़े बताते हैं कि केवल 4.50 लाख मीट्रिक टन सेब 9 अक्टूबर तक घाटी से बाहरी राज्य के फलों के बाजारों में निर्यात किया गया था, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान निर्यात 5.70 लाख मीट्रिक टन था।

देश की मंडियों में कश्मीरी सेब
ऐजाज भट ने कहा कि सेब की उपज ज्यादातर नई दिल्ली की आजादपुर मंडी और कानपुर, बंगलौर, पंजाब और अन्य राज्यों में निर्यात की गई है। हर साल कश्मीर बाहरी राज्यों में 20 लाख मीट्रिक टन सेब का निर्यात करता है, जिसमें भारत के ज्यादातर संभावित फल बाजार शामिल हैं, जिनमें नई दिल्ली, अमृतसर, मुंबई और बैंगलोर की फल मंडी शामिल हैं। हालांकि कम मात्रा में, व्यापारियों ने कहा कि विभिन्न जिलों से सेब का प्रवाह घाटी आधारित फल बाजारों में जारी है। एक सेब व्यापारी बिशिर अहमद बशीर ने कहा, “परिमपोरा फल मंडी 5 अगस्त से बंद है। औसतन यहां 20 से 30 ट्रक मंडी आते हैं। बाकी किसान सेब भारत की मंडियों में भेजते हैं।”

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो