तीनों बीते कई दिनों से लापता थे। सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों के मुताबिक, नसीर व फैजान तीन अक्टूबर, शौकत दो अक्टूबर को आतंकी संगठन में सक्रिय हुए हैं। तहरीकुल मुजाहिदीन ने शौकत को दक्षिण कश्मीर में डिवीजनल कमांडर नियुक्त करते हुए उसे खालिद दाऊद सलफी कोड नाम दिया है। वह कश्मीर विश्वविद्यालय से बी फार्मेसी की डिग्री कर चुका है। नसीर तेली को तहरीक ने डॉ. इसाक खान का कोड नाम देते हुए बारामुला का जिला कमांडर बनाया है। 11वीं पास फैजान का कोड नाम उस्मान सलफी है।
परिवार ने फेसबुक और वाट्सएप पर की अपील
सोशल मीडिया पर फैजान की तस्वीर वायरल होने के बाद पिता अब्दुल मजीद ने फेसबुक और वाट्सएप के जरिए अपने बेटे से संपर्क साधने का प्रयास कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की है। उन्होंने अपने पुत्र से कहा कि बंदूक का रास्ता छोड़ दो तुम्हारे अचानक कहीं चले जाने के बाद से तुम्हारी मां की हालत बहुत खराब है। वह तुम्हे रोज याद करती है। बस घर लौट आओ। गुलाब बाग आरमपोरा सोपोर के गुलाम मोहिउद्दीन तेली ने अपने पुत्र से कहा कि उसने जो रास्ता पकड़ा है वह सही है या गलत, इस बारे में मैं कुछ नहीं जानता। तुम्हारे गायब होने के बाद से पूरा खानदान परेशान है। सभी सहमे हुए हैं और दुखी हैं। एक बार तुम घर चले आओ।
पुलिस एक अधिकारी ने कहा कि आतंकी मनान वानी की मौत के बाद हम सभी आतंकी संगठनों में स्थानीय युवकों की भर्ती पर रोक की उम्मीद कर रहे थे। जिस तरह से तहरीक उल मुजाहिदीन ने तीन नए युवकों के आतंकी बनने का एलान किया है। उससे साफ है क आतंकी संगठन नए लड़कों की भर्ती को तेज कर रहे हैं। तहरीकुल मुजाहिदीन में नए लड़कों की भर्ती कोई अच्छा संकेत नहीं है। यह संगठन बीते कुछ वर्षों के दौरान सिर्फ श्रीनगर शहर तक सीमित होकर रह गया था। नए लड़कों के आने से यह वादी के अन्य हिस्सों में भी गतिविधियां बढ़ाएगा।