दस मिनट देरी से पहुंची ट्रेन
वंदे भारत एक्सप्रेस दिल्ली रेलवे स्टेशन से सुबह छह बजे कटरा के लिए रवाना हुई। सुबह 8:10 बजे यह रेलगाड़ी अंबाला रेलवे स्टेशन में पहुंची और मात्र दो मिनट पर वहां रुकने के बाद लुधियाना के लिए रवाना हो गई। लुधियाना रेलवे स्टेशन में यह गाड़ी 9:19 बजे पहुंची और दो मिनट पर स्टेशन पर ठहरने के बाद 09:21 बजे रवाना हो जाएगी। जम्मू रेलवे स्टेशन पर यह रेलगाड़ी करीब दस मीटर की देरी से 12:48 बजे पहुंची और दो मिनट पर रुकने के बाद दोपहर 12:50 बजे कटरा रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हो गई। दोपहर 2:05 बजे करीब पांच मिनट देरी से यह रेलगाड़ी कटरा रेलवे स्टेशन में पहुंच गई। कटरा स्टेशन पर रेलवे अधिकारियों द्वारा ट्रायल ट्रेन का स्वागत किया गया। दोपहर 3 बजे यह रेलगाड़ी वापस दिल्ली के लिए रवाना हुई।
तकनीकी पहलुओं पर चर्चा कर लेंगे निर्णय
डीटीएम जम्मू चेतन तनेजा ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस का दिल्ली व कटरा के बीच का ट्रायल रन लगभग सफल रहा है। ट्रेन के वापस दिल्ली पहुंचने पर विभिन्न पहुलओं पर चर्चा करने के बाद ही ट्रेन के संचालन के संबंध में अंतिम निर्णय किया जाएगा। तनेजा ने कहा की इस टे्रन में यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। दिव्यांगों के लिए भी अलग से कोच रखने का प्रावधान है। इस मौके पर स्टेशन सुपरिटेंडेंट कटरा जुगल किशोर शर्मा, एसएसपी जीआरपी रंजीत सिंह सब्याल सहित अन्य रेलवे अधिकारी मौजूद थे।
करीब 100 करोड़ है लागत
वंदे भारत को ट्रेन 18 के नाम से भी जाना जाता है। इसे चेन्नई की इंटिग्रल कोच फैक्ट्री में 100 करोड़ रुपए की लागत से 18 महीने में तैयार किया गया है। इसे विदेश से इंपोर्ट किया जाता तो इसकी लागत करीब 170 करोड़ रुपए तक होती, लेकिन मेक इन इंडिया के तहत तैयार करने में 70 करोड़ रुपए बच गए। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसमें आपको दूसरी अन्य ट्रेनों की तरह इंजन नहीं दिखेगा। ड्राइविंग सिस्टम लगे पहले कोच में 44 सीटें भी हैं। ट्रेन के कोच में स्पेन से मंगाई विशेष सीट भी लगाई गई हैं, जिन्हें आवश्यकता पडऩे पर 360 डिग्री तक मूव किया जा सकता है। इन कोच में दिव्यांगजनों के लिए विशेष रूप से दो बाथरूम और बेबी केयर के लिए विशेष स्थान दिया गया है। हर कोच में छह सीसीटीवी कैमरा लगाए गए हैं। ड्राइवर के कोच में एक सीसीटीवी इंस्टॉल किया गया है, जहां से यात्रियों पर नजर रखी जा सकती है। ट्रेन में टॉक बैक सुविधा भी है, यानी आपात स्थिति में यात्री ड्राइवर से बात भी कर सकते हैं। हर कोच में दो इमरजेंसी स्विच लगाए गए हैं। आपात स्थिति में इसे दबाकर मदद ली जा सकती है। वंदे भारत के दरवाजे मेट्रो ट्रेनों की तरह स्वचालित होंगे। यानी, प्लेटफॉर्म पर ही खुलेंगे और बंद हो जाएंगे।