नक्सलियों में खलबली
दरअसल सुरक्षा बलों की कठोर कार्रवाई से नक्सलियों में खलबली मची हुई है। कई मुठभेड़ों में नक्सली सुरक्षा बलों के हाथों मारे जा चुके हैं। इससे उनके आतंकी संगठन को खतरा खड़ा हो गया है। संगठन में सदस्यों की कमी हो रही है। सुरक्षा बलों की सक्रियता और विकास कार्यों के गांवों तक पहुंचने के कारण ग्रामीणों का अब नक्सलियों से मोहभंग होने लगा है। इसी का परिणाम है कि उनका संगठन लगातार कमजोर पड़ता जा रहा है। इसी कारण नक्सली जोर-जबरदस्ती से नई भर्ती करने की धमकियां ग्रामीणों को दे रहे हैं।
धमका रहे ग्रामीणों को
टोटों थाना क्षेत्र के सुदूरवर्ती गांव में प्रतिबंधित भाकपा माओवादियों द्वारा ग्रामीण मुंडा, डाकुवा को संबोधित करते हुए हस्तलिखित पत्रा एवं पर्चा फेंका गया है। इसकी सूचना होने के बाद पुलिस ने तत्वरित कार्रवाई करते हुए घटना स्थल पहुंच कर पर्चा बरामद किया। जिसमें कोल्हान एरिया पार्टी भाकपा माओवादी व दक्षिणी जोनल कमिटी भाकपा माओवादी संगठन द्वारा नक्सली पर्चा बरामद किया है। जिसमें माओवादियों के द्वारा ग्रामीणों को डरा-धमका कर क्षेत्र के युवक एवं युवतियों समेत नाबालिगों को नक्सली संगठन में जुडऩे के लिए मजबूर किया जा रहा है।
10-10 युवक-युवतियों की मांग
माओवादियों द्वारा सरकार का विरोध करते हुए प्रत्येक गांव से 10-10 युवक-युवतियों एवं नाबालिग ब’चे-ब’िचयों को संगठन में भर्ती के लिए मांग की गई है। इसमें पुलिस ने प्रतिबंधित भाकपा माओवादी प्रशांत बोस, मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, सुरेश मुंडा, कांडे होनहागा, लोदरो लोहार, राहत, सागेन अनिता समेत अन्य संगठन के माओवादी के विरुद्ध मामला दर्ज किया है। पश्चिम सिंहभूम जिला में पुलिस के द्वारा चलाये जा रहे नक्सल अभियान में नक्सली मारे जा रहे हैं। इसी के मद्देनजर अब नक्सलियों ने अपने संगठन को मजबूत करने के लिए गांव-गांव में पर्चा बांट कर ग्राम प्रधान व मुंडा से स्थानीय युवक-युवतियों को संगठन में भर्ती करने के लिए प्रत्येक गांव से 10 युवकों की मांग की है।
धमकी में नहीं आए युवा व ग्रामीण
इससे इन सुदूरवर्ती गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। नक्सली लॉकडाउन के दौरान गुजरात, महाराष्ट्र समेत अन्य बाहर से आये युवाओं को टारगेट किया हुआ है। जिससे बाहर से आने वाले युवक नक्सली संगठन में जुड़ कर संगठन के लिए काम कर सके। इन्हीं सभी बातों को ध्यान में रख कर नक्सली युवाओं को संगठन से जोडऩे में जोर लगा रहे हैं। साथ ही पुलिस मुठभेड़ में मारी गई तीन महिलाओं के नाम का सहानुभुति भी नक्सली उठाना चाहते हैं। इस फरमान से दहशत में आये ग्रामीण पुलिस को गुप्त रुप से इसकी जानकारी दे दी। जिसके बाद पुलिस सक्रिय होकर जांच कर रही है। पुलिस अधीक्षक इन्द्रजीत माहथा ने कहा कि आम नागरिकों, मुंडा, डाकुआ से चाईबासा पुलिस अपील करती है कि प्रतिबंधित भाकपा माओवादी एक प्रतिबंधित एवं हिंसक उग्रवादी संगठन है। कोई भी ग्रामीण उनके बहकावे में न आयें। नक्सलियों के विरुद्ध पुलिस द्वारा लगातार अभियान जारी रहेगा। सभी केवल विकास एवं लोकतंत्र को मजबूत बनाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।