scriptइन किसानों ने साबित कर दिया नए प्रयोग और मेहनत से बदल सकती है किस्मत | Farmers proved luck can change with new experimentation and hard work | Patrika News

इन किसानों ने साबित कर दिया नए प्रयोग और मेहनत से बदल सकती है किस्मत

locationजमशेदपुरPublished: May 16, 2020 04:51:03 pm

Submitted by:

Yogendra Yogi

( Jharkhand News) इन किसानों ( Farmers changed their fate ) को अनुमान भी नहीं था जहां लॉक डाउन मे देश में हर तरफ बेरोजगारी ( Unemployement ) और आर्थिक मंदी का संकट है, वहीं उनकी किस्मत खुलने वाली है। यह किस्मत खुली (Hard work opened their fate ) है नए प्रयोग और मेहनत करने से।

इन किसानों ने साबित कर दिया नए प्रयोग और मेहनत से बदल सकती है किस्मत

इन किसानों ने साबित कर दिया नए प्रयोग और मेहनत से बदल सकती है किस्मत

जमशेदपुर(झारखंड)रवि सिन्हा: ( Jharkhand News) इन किसानों ( Farmers changed their fate ) को अनुमान भी नहीं था जहां लॉक डाउन मे देश में हर तरफ बेरोजगारी ( Unemployement ) और आर्थिक मंदी का संकट है, वहीं उनकी किस्मत खुलने वाली है। यह किस्मत खुली (Hard work opened their fate ) है नए प्रयोग और मेहनत करने से। पोटका प्रखंड के ग्रामीणों ने अपने बलबूते काजू की खेती करके साबित कर दिया है कि किसान यदि ठान लें तो किसी की मदद के मोहताज नहीं हैं।

6 एकड़ में काजू के पेड़
जमशेदपुर से करीबन 60 किलो मीटर दूर पोटका प्रखण्ड का सुदूर अदिवासी बहुल इलाका है गोबरडीह। इस क्षेत्र में वर्ष 2009 में ग्रामीणों ने 6 एकड़ में काजू का पेड़ लगाए थे। तब शायद ही किसी को अंदाजा रहा होगा कि यह मेहनत ऐसे वक्त काम आएगी, जब हर तरफ आर्थिक समस्या का दौर होगा। इस लॉक डॉउन में पहली बार इनके लगाए पेड़ो पर काफी तादाद में काजू के फल आएं हैं। इससे ग्रामीण बेहद खुश हैं। ग्रामीण इसे अच्छे मौसम का परिणाम मान रहे हैं। ग्रामीण इस लॉक डॉउन में बारी-बारी से काजू की रखवाली कर रहे है।

जुर्माने का प्रावधान
इस क्षेत्र में किसानों की पहली बार 6 एकड़ जमीन में काजू की खेती लहलहा रही है। किसानों को अंदाजा है कि काजू चोरी भी किए जा सकते हैं। इसलिए पहले से ही काजू बागान के बाहर एक बोर्ड भी लगा दिया है कि अगर किसी ने काजू तोड़ा तो उस पर 2 हज़ार रूपए का जुर्माना लगेगा और दिन रात बागान की रखवाली करते हैं।

कभी सोचा भी न था
गांव के किसान राजू सिंह सरदार का कहना है कि इस लॉक डॉउन में हम लोग काजू बागान में घूमते रहते है काफी फल पहली बार आएं है। काजू का 2009 में पेड़ लगाया था और कभी नही सोचा था कि इतने साल बाद पहली बार इतने भारी तादाद में काजू की पैदावार होगी। लॉक डॉउन खत्म होते ही हम इसको बाजार में बेचेगे, पता नही एकाएक इतना काजू पेड़ो पर हो गया है कि हमको विश्वास भी नही हो रहा है।

वन विभाग का प्रयोग सफल रहा
गौरतलब है कि झारखंड के जामताड़ा जिले में काजू को लेकर वन विभाग के प्रयोग से आश्चर्यजनक परिणाम सामने आएं हैं। 30 साल पहले वन विभाग ने प्रयोग के तौर पर 1000 पेड़ काजू के लगाए थे। अच्छी पैदावार होने पर हर साल बारिश में काजू के पेड़ लगाए जाने लगे। फिलहाल 100 एकड़ में 50 हजार पेड़ लगाए जा चुके हैं, इससे करीब हर वर्ष 50 टन काजू के फलों की पैदावार हो रही है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो