कोरोना जांच आई निगेटिव
यह मामला है जमशेदपुर के मानगो बस स्टैंड पर बने क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे अख्तर खान का। पंजाब के अमृतसर से अपने घर ओडिशा के कटक जाने के लिए निकले अख्तर खान (२८) को मेरिन ड्राइव से कोरोना जांच के लिए पकड़ा गया था। उसे छह अप्रैल को मानगो बस स्टैंड समीपस्थ क्वारंटाइन सेंटर में डाल दिया गया। युवक ने बताया कि मेरिन ड्राइव पर उसकी थर्मल स्कैनिंग की गई थी, वह तब स्वस्थ था। इसके बाद से अब तक उसका एक बार भी जांच नमूना तक नहीं लिया गया है। हाल ही में ओडिशा के लिए प्रवासियों को भेजने व लाने का काम किया गया, पर इस युवक को घर भेजने पर किसी का ध्यान नहीं गया। अख्तर ने बताया कि वह हर दिन पदाधिकारियों से उसे घर भेजने के लिए गिड़गिड़ाता है, पर हर कोई लॉकडाउन की बात कहकर साफ मना कर देता है।
7 अन्य युवकों का भी यही हाल
पंजाब का रहने वाला यह युवक पिछले करीब दो माह से एक कैदी की तरह रह रहा है। उसके परिवार उसकी हालत लेकर परेशान हैं। चौंकाने वाली बात तो यह है कि उसका अब तक एक बार भी सैंपल तक नहीं लिया गया है। अख्तर की 10 दिन पहले आ गई थी रिपोर्ट पर अब तक उसकी किसी ने खैर-खबर नही ली। इसी सेंटर में सात अन्य युवकों का एक और दल भी पिछले 15 दिनों से रह रहा है। पश्चिम बंगाल से अपने घर बहरागोड़ा जाने के दौरान इन युवकों को भी मानगो बस स्टैंड समीप स्थित क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया है। इन सभी की करीब 10 दिन पूर्व ही रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है, पर लॉकडाउन की बात कहते हुए उन्हें अब तक छोड़ा नहीं जा रहा है।
यह कोई होटल नहीं
युवकों ने बताया कि यह क्वारेंटाइन सेंटर अव्यवस्थाओं का शिकार है। सेंटर में भोजन का स्तर काफी खराब है। सुबह नाश्ते में तला हुआ चूड़ा दिया जाता है। फल तो दिया ही नहीं जाता। पिछले चार दिनों से चाय भी बंद है। युवकों ने बताया कि अगर किसी को ज्यादा भूख लगी हो और वह थोड़ा अतिरिक्त खाना मांग ले तो नहीं दिया जाता। कहा जाता है कि यह कोई होटल नहीं है।