इधर, खूंटी संसदीय सीट से सात पर सांसद रह चुके पार्टी के वयोवृद्ध नेता कड़िया मुंडा के स्वास्थ्य को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि पार्टी इस बार किसी नये चेहरे को संसदीय चुनाव में उतारेगी। हालांकि भाजपा नेता अभी इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से कतरा रहे है, लेकिन हाल के कुछ महीनों में जिस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अर्जुन मुंडा का खूंटी संसदीय क्षेत्र में लगातार कई दौरा हुआ है,उससे इन अटकलों को भी बल मिला है कि पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में अर्जुन मुंडा को यहां से चुनाव लड़ने का आदेश दे सकती है।
अर्जुन मुंडा खूंटी संसदीय क्षेत्र में आने वाले खरसावां विधानसभा का तीन बार नेतृत्व कर चुके है, इसके अलावा वे जमशेदपुर लोकसभा सीट से भी चुनाव जीत चुके है। अर्जुन मुंडा को पिछली बार खरसावां विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा और लेकिन इसके बावजूद वे अपने क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे है। वहीं यदि पार्टी नेतृत्व उन्हें लोकसभा का चुनाव लड़ने का निर्देश देती है, तो खूंटी संसदीय सीट उनके लिए काफी सुरक्षित हो सकता है।
दूसरी तरफ ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा भी क्षेत्र में खासे लोकप्रिय है और पिछले चार बार से वे खूंटी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतते आ रहे है और मंत्री रहने के कारण आसपास के क्षेत्रों में भी लगातार उनका दौरा होते रहता है,ऐसी स्थिति में भाजपा उन्हें भी खूंटी लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार बना सकती है। जबकि कड़िया मुंडा की लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा वर्ष 2019 में उन्हें एक अंतिम मौका भी चुनाव लड़ने का दे सकती है। हालांकि पार्टी के अंदर अर्जुन मुंडा और नीलकंठ सिंह मुंडा के साथ कई अन्य नामों की भी चर्चा चल रही है।