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जीवन से बढ़ कर जरूरी नहीं कोई काम,  ट्रेनों को दूर से ही सलाम

locationजमशेदपुरPublished: Jun 11, 2020 12:14:29 am

Submitted by:

Yogendra Yogi

(Jharkhand News ) जिन्दगी सही-सलामत रखने से ज्यादा जरूरी काम कोई नहीं है। कोरोना (Corona ) से लगातार हो रही मौतों और संक्रमण में बेहताश हो रहे इजाफे से शायद लोगों के यह बात समझ में आ गई कि जितना संभव हो सके घरों में ही रहो। यह वजह है कि ट्रेनों का संचालन (Trains are not getting passengers ) होने के बावजूद यात्री यात्रा जितना संभव हो सके यात्राओं को टाल रहे हैं।

जीवन से बढ़ कर जरूरी नहीं कोई काम,  ट्रेनों को दूर से ही सलाम

जीवन से बढ़ कर जरूरी नहीं कोई काम,  ट्रेनों को दूर से ही सलाम

जमशेदपुर (झारखंड): (Jharkhand News ) जिन्दगी सही-सलामत रखने से ज्यादा जरूरी काम कोई नहीं है। कोरोना (Corona ) से लगातार हो रही मौतों और संक्रमण में बेहताश हो रहे इजाफे से शायद लोगों के यह बात समझ में आ गई कि जितना संभव हो सके घरों में ही रहो। यह वजह है कि ट्रेनों का संचालन (Trains are not getting passengers ) होने के बावजूद यात्री यात्रा जितना संभव हो सके यात्राओं को टाल रहे हैं।

रेलवे को लाखों का नुकसान
इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि 1400 सीट की क्षमता वाली टाटा दानापुर एक्सप्रेस में महज 400 यात्री ही सफर कर रहे हैं। पूरी ट्रेन में 1000 सीट खाली जा रही है। इससे रेलवे को प्रतिदिन लाखों का नुकसान हो रहा है। यह वही ट्रेन है जो कोरोना काल से पहले फुल हुआ करती थी। लॉकडाउन के कारण करीब ढाई माह तक यात्री ट्रेनों का परिचालन बंद था। टाटानगर होकर पांच ट्रेनों का परिचालन एक जून से शुरू हुआ है, लेकिन यात्री की कमी से इन पांचों ट्रेन में भी है।

क्षमता से बेहद कम यात्री
टाटानगर से दानापुर की ट्रेन को यात्री नहीं मिल रहे हैं। चक्रधरपुर मंडल रेलवे वाणिज्य विभाग के सर्वे में यह सामने आया है। पहले दिन ट्रेन में करीब 11 सौ यात्री सवार हुए थे। फिर दो दिन यात्रियों की संख्या करीब एक हजार तक थी और अब प्रतिदिन पांच से छह सौ यात्री ही 16 बोगियों की ट्रेन पर सवार हो रहे हैं। दूसरी ओर दक्षिण पूर्व जोन स्तर पर रेलवे भुवनेश्वर-दिल्ली राजधानी और पुरषोत्तम स्पेशल ट्रेन में भी यात्रियों की संख्या का सर्वे कराया रहा है। इसके लिए प्रतिदिन टाटानगर से बुक टिकट पर रिपोर्ट चक्रधरपुर व गार्डेनरीच भेजी जाती है। हालांकि अहमदाबाद व मुंबई मेल का ठहराव खत्म करने से भी टाटानगर में टिकट बुकिंग में कमी आई है।

लगभग सभी ट्रेनों का यही हाल
बड़बिल हावड़ा-बड़बिल एक्सप्रेस, हावड़ा-सीएसएमटी-हावड़ा, हावड़ा-अहमदाबाद-हावड़ा, भुवनेश्वर-न्यू दिल्ली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस इन ट्रेनों में यात्रियों की संख्या काफी कम है। हावड़ा-सीएसएमटी-हावड़ा व हावड़ा-अहमदाबाद-हावड़ा एक्सप्रेस का परिचालन टाटानगर में नहीं होने से रही कही कसर ऐसे ही निकल गई। जो यात्री टाटानगर स्टेशन से उक्त दोनों ट्रेनों में सवार होते थे अब वह यात्री भी इन ट्रेनों को नहीं मिल रहे है। कुल मिलाकर कोरोना का असर यात्री ट्रेनों पर पडऩे लगा है।

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