इस मौके पर मुख्यमंत्री ने अस्पताल प्रबंधन से जानकारी ली कि प्रतिदिन कितने ऐसे लोग इलाज के लिए आते हैं, जो कि टाटा अथवा उसकी अनुषंगी इकाइयों में नियोजित नहीं हैं, अर्थात नॉन एम्पलाई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दोनों अस्पतालों इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भी फंडिंग सरकार द्वारा की जाएगी। 50 प्रतिशत नॉन एम्पलाई अभी भी एडमिट हो रहे हैं, उनका पैसा सरकार द्वारा भुगतान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीबी का दंश झेल रहे परिवारों के लिए बीमारी की पीड़ा असहनीय होती है। मुख्यमंत्री ने कहा की जन आरोग्य योजना के तहत नामित हो जाने से गरीबों का पैसा बचेगा और सरकार द्वारा अस्पतालों का सभी भुगतान किए जाने से अस्पतालों में बेहतर आधारभूत संरचना विकसित होने में भी मदद प्राप्त होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन आरोग्य योजना के संबंध में निजी अस्पतालों की समस्याओं का निवारण करने के लिए राज्य स्तर पर स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित की गई है। नामित हो जाने और इलाज प्रारंभ हो जाने पर यदि किसी तरह की समस्या आती है तो उसका समाधान निकाला जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा की किसी भी चीज का प्रारंभ होने पर विरोध और संशय की स्थिति पैदा होती है लेकिन दैनिक व्यवहार में शामिल होने के बाद धीरे-धीरे स्वतः यह सभी संशय निर्मूल होते जाते हैं। इसलिए प्रक्रिया के तहत कार्य करते हुए आयुष्मान भारत के तहत नामित होने का आह्वान मुख्यमंत्री ने किया।
जल्द ही मिलेगा आयुष्मान भारत योजना का लाभ
आयुष्मान भारत योजना को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त अमित कुमार ने बताया कि जल्द ही टाटा मुख्य अस्पताल और टाटा मोटर्स अस्पताल में भी आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिल सकेगा। उपायुक्त ने बताया कि पूर्वी सिंहभूम जिले में 23 गैर सरकारी अस्पताल आयुष्मान भारत से जुड़ चुके है। इसमें से दस निजी अस्पतालों में इलाज भी शुरू हो चुका है। उन्होंने टाटा मुख्य अस्पताल और टाटा मोटर्स अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन को लेकर दस दिनों के अंदर कागजी कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी।