scriptगरीब मजूदरों से किया दिल जलाने वाला मजाक | Heart wrenching joke with poor labours | Patrika News

गरीब मजूदरों से किया दिल जलाने वाला मजाक

locationजमुईPublished: Jul 19, 2020 07:42:55 pm

Submitted by:

Yogendra Yogi

गरीब की हर तरह से आफत है। बस कोई थोड़ा भी यकीन दिला दे तो तुरन्त बहकावे में आ जाते हैं। ऐसा होता भी शायद इसलिए है कि गरीब (Poor labours ) को कहीं भी उम्मीद की किरण दिखती है तो उसे लगता है अब शायद पेट भरने और परिवार (Hoax of labour payment ) पालने का कोई आसरा मिल गया है। ऐसा ही दिल जलाने वाला मजाक हुआ जमुई के सैकड़ों बीड़ी मजूदरों के साथ भी।

गरीब मजूदरों से किया दिल जलाने वाला मजाक

गरीब मजूदरों से किया दिल जलाने वाला मजाक

जमुई(बिहार): (Bihar News ) गरीब की हर तरह से आफत है। बस कोई थोड़ा भी यकीन दिला दे तो तुरन्त बहकावे में आ जाते हैं। ऐसा होता भी शायद इसलिए है कि गरीब (Poor labours ) को कहीं भी उम्मीद की किरण दिखती है तो उसे लगता है अब शायद पेट भरने और परिवार (Hoax of labour payment ) पालने का कोई आसरा मिल गया है। जबकि हकीकत में ऐसी किरण जुगनू को पकडऩे जैसी ही साबित होती हैं। ऐसा ही दिल जलाने वाला मजाक हुआ जमुई के सैकड़ों बीड़ी मजूदरों के साथ भी। वक्त के सताए इन मजदूरों को अफवाहों ने परेशान कर दिया, बल्कि कोरोना का खतरा भी मोल ले लिया।

सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां
हुआ यह कि अफवाह फैलाई गई कि झाझा के हेलाजोत स्थित चिकित्सालय में बीड़ी मजूदरों को रूपए दिए जा रहे हैं। बीड़ी श्रमिकों के लिए जिले भर में एकमात्र यही चिकित्सालय है। चिकित्सालय से करीब 1.8 लाख मजदूर जुड़े हैं। .किन्हीं बिचौलियों,दलालों द्वारा चहुंओर फैलायी गई कि बीड़ी अस्पताल में कुछ कागज जमा दो, पैसे मिलेंगे। अफवाह के मद्देनजर दौड़े-भागे आए व चिकित्सालय पर अपने कागजात जमा कराने को आपाधापी मचाए मजदूरों के चेहरों पर पैसे मिलने की उम्मीद भरी चमक भी साफ झलकती मिली। दिलचस्प यह कि विभागीय पहरूओं को छोड़ स्थानीय प्रशासन व पुलिस को भी सोशल डिस्टेंसिंग को बाय-बाय करता उक्त नजारा शायद नजर नहीं आ रहा है।

लोग आए दहशत में
महिला मजदूरों ने इस बात की तस्दीक की कि वे लोग पैसे मिलने की आस में आई हैं। कितने पैसे मिलने की बात बताई गई है के सवाल पर किसी ने पांच सौ से ले किसी ने एक तो किसी ने दस लाख तक की बात बताई। किसने ऐसा कहा के सवाल पर एक ही जवाब था कि पूरे गांव में ही यह चर्चा फैली है। चिकित्सालय पर अपने कागजात जमा कराने को आपाधापी मचाए तमाम बीड़ी मजदूरों के चेहरों पर पैसे मिलने की उम्मीद भरी चमक साफ झलकती मिली। इस नजारे से चिंतित मोहल्लेवासी जरूर पूरी तरह दहशत में हैं। चिंता व दहशत का आलम चिकित्सालय वाले इलाके से जुड़े तीन मोहल्लों यथा हेलाजोत, भलुआ व चरघरा के लोगों के बीच देखा जा रहा है। कोरोना काल में भी उमड़ रहे इस मेले का शायद विभागीय पहरूओं कोई डर या फिक्र नहीं है। मोहल्ले के युवक वहं पहुंचने वाले बीड़ी श्रमिकों को कागजात जमा करने हेतु सामाजिक दूरी के साथ कतारबद्ध कराने की व्यवस्था में जुटे दिखे।

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