script‘मुश्किल से मिलते हैं इंसान कहने को बहुत हैं यहां आदमी’ | Humans hardly meet, Man here too much to say | Patrika News

‘मुश्किल से मिलते हैं इंसान कहने को बहुत हैं यहां आदमी’

locationजमुईPublished: Jun 13, 2020 05:17:37 pm

Submitted by:

Yogendra Yogi

‘मुश्किल से मिलते हैं इंसान कहने को बहुत हैं यहां आदमी’
(Bihar News ) आईएएस अफसरों ( IAS officers ) के बारे धारणा यही है कि उनमें संवदेनशीलता और मानवता (Officers less sensitive and humanity) का अभाव होता है, इसके विपरीत जमुई के जिला कलक्टर (Jamui DM proved humanity ) ने साबित कर दिया कि इंसानियत अभी बाकी है।

'मुश्किल से मिलते हैं इंसान  कहने को बहुत हैं यहां आदमी'

‘मुश्किल से मिलते हैं इंसान कहने को बहुत हैं यहां आदमी’

जमुई(बिहार): ‘मुश्किल से मिलते हैं इंसान
कहने को बहुत हैं यहां आदमी’

(Bihar News ) आईएएस अफसरों ( IAS officers ) के बारे धारणा यही है कि उनमें संवदेनशीलता और मानवता (Officers less sensitive and humanity) का अभाव होता है, इसके विपरीत जमुई के जिला कलक्टर (Jamui DM proved humanity ) ने साबित कर दिया कि इंसानियत अभी बाकी है। दरअसल सोशल मीडिया पर जमुई का मर्मांतक वीडियो वायरल हुआ। वीडियो में दिखाया गया कि एक कृषकाय बुजुर्ग फटेहाल हालत में अपनी विकलांग और पत्नी को साइकिल ठेले पर बिठा कर पैदल ही उसे खींच रहा है। साइकिल ठेले में सीट और टायर नहीं होने से बुजुर्ग उस पर बैठ नहीं सकता, इसलिए पैदल ही उसे धकेल रहा है।
बुजुर्ग की हालत देखे पसीजे डीमए
यह वायरल वीडिया जमुई के जिला कलक्टर धर्मेन्द्र कुमार ने देख लिया। डीएम ने उनकी मदद करने की ठान ली। उन्होंने अधिनस्थ स्टॉफ को इस बुजुर्ग दम्पत्ति की तलाश के निर्देश दिए। सरकारी अमले ने पूरे शहर में गश्त करके इस दम्पत्ति की पहचान कर ली। दम्पति को जिला कलक्टर के समक्ष पेश किया गया। जिला कलक्टर ने अत्यंत आदर भाव से उन्हें कुर्सी पर बिठाया। बुजुर्ग से बातचीत करने पर उसकी व्यथा उजागर हुई।
बीमार है बेटा
जानकारी मिली कि अर्जुन पासवान नाम का यह 70 वर्षीय बुजुर्ग अपनी पत्नी के साथ साइकिल ठेला चला कर जैसे-तैसे अपनी गुजर-बसर कर रहा है। 65 वर्षीय पत्नी कमली देवी भी पैर से दिव्यांग है। इसके तीन बेटे हैं। जिनमें से दो अलग रहते हैं। जो बेटा साथ रहता है वह बीमार है। वह मजदूरी पर नहीं जा सकता। पूरा परिवार माली हालत का शिकार है। बेटे के उपचार के लिए धन का इंतजाम नहीं होने के कारण वह खाट पर ही लेटा रहता है। जिला कलक्टर इस बुजुर्ग की दास्तान सुन कर द्रवित हो गए।
बुजुर्ग दम्पत्ति को बुलवा कर की मदद
जिला कलक्टर ने तत्काल 11 हजार रुपए की सहायत राशि बुजुर्ग अर्जुन पासवान को सौंपी। बुजुर्ग दम्पत्ति को राशन कार्ड और वृद्धावस्था पेंशन दिलाने का भरोसा दिलाया। साथ ही बीमार बेटे के उपचार के निर्देश दिए। इस मदद के बाद जिला कलक्टर ने सम्मान बुजुर्ग दम्पत्ति को कार्यालय से विदा कर घर भिजवाया।
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