घाटे में चल रही बीएसएनएल
पिछले कई साल से बीएसएनएल की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। नई-नई टेलीकॉम कंपनियों के आ जाने से बीएसएलएल के ग्राहकों की संख्या भी काफी घट गई है। इसकी एक बड़ी वजह कमाई कम और खर्च ज्यादा। अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन पर भारी भरकम राशि खर्च होती थी। इस घाटे से उबरने के लिए 50 साल से अधिक उम्र वालों की छंटनी के लिए वीआरएस की योजना लाई गई।
कर्मचारियों की कमी से पहले ही व्यवस्था बदहाल
जिले में बीएसएलएल की व्यवस्था से ग्राहक भी काफी खुश नहीं है। आए दिन संचार व्यवस्था को लेकर उपभोक्ताओं में नाराजगी देखी जाती है। ऊपर से मैदानी कर्मचारियों की कमी के चलते परेशानी हो रही थी। अब कर्मचारियों की और कमी हो जाने से परेशानी और बढ़ सकती है।