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पोषण पुनर्वास केंद्रों में सुविधाओं का इजाफा, फिर भी दिखाई नहीं दे रही रौनकता, ये है वजह…

locationजांजगीर चंपाPublished: Sep 24, 2018 11:16:50 am

Submitted by:

Shiv Singh

– जिला अस्पताल, सक्ती व डभरा मिलाकर जिले में तीन पोषण पुर्नवास केंद्र संचालित है।

पोषण पुनर्वास केंद्रों में सुविधाओं का इजाफा, फिर भी दिखाई नहीं दे रही रौनकता, ये है वजह...

पोषण पुनर्वास केंद्रों में सुविधाओं का इजाफा, फिर भी दिखाई नहीं दे रही रौनकता, ये है वजह…

जांजगीर-चांपा. जिला अस्पताल में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र में सुविधाओं के बाद भी रौनक नहीं लौट रही है। सरकार ने पोषण पुनर्वास केंद्रों में कई तरह की सुविधाओं का इजाफा किया है, इसके बाद भी वीरानी छाई हुई है। जबकि महिला एवं बाल विकास विभाग के रजिस्टर में सैकड़ों कुपोषित बच्चों का नाम दर्ज है। कुपोषित बच्चे नहीं मिलने से पोषण पुनर्वास केंद्र में रौनक दिखाई नहीं दे रही है। इसकी प्रमुख वजह प्रचार प्रसार का अभाव बताया जा रहा है।
जिला अस्पताल, सक्ती व डभरा मिलाकर जिले में तीन पोषण पुर्नवास केंद्र संचालित है। ऐसे केंद्रों में मीनु के अनुसार मासूम बच्चों को समय पर खुराक दिया जाती है। सरकार ने कुपोषित बच्चों में कमी लाने के लिए विभाग ने मीनु में बढ़ोतरी की है। मीनु के अनुसार बच्चों को दूध, परमल लाई, चुरमुरा पाउडर, वेजीटेबल, प्रोटीन, लेक्टोज की खुराक दी जा रही है। इतना ही नहीं बच्चों को हाई क्वालिटी का चावल दाल भी परोसा जाता है। मीनु के अनुसार भोजन देने से न केवल कुपोषित बच्चों का वजन बढ़ता है, बल्कि उनका सर्वांगीण विकास होता है। शासन इस योजना के तहत हर महीने लाखों खर्च करना चाह रही, लेकिन प्रचार प्रसार के अभाव में योजना दम तोड़ते नजर आ रही।
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केंद्र में बढ़ाई गई सुविधाएं
पोषण पुनर्वास केंद्र में बच्चों की कमी को देखते हुए कई तरह की सुविधाएं बढ़ाई गई है। वहां ठहरे अभिभावकों व बच्चों की सुविधाओं में इजाफा किया गया है। बच्चों के मनोरंजन के लिए न केवल खेल सामाग्री की संख्या में बढ़ोतरी की गई है बल्कि मनोरंजन के लिए एलईडी टीवी भी लगाई गई है। ताकि बच्चे व अभिभावक खाली समय में टीवी देख सकें। इसके आने वाले दिनों में और भी सुविधाएं प्रदान करने की बात की गई है।

यह सुविधाएं भी बढ़ीं
पोषण पुनर्वास केंद्र में कुपोषित बच्चों को भर्ती कराने पर माताओं को भी सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि दिया जाता है। माताओं को प्रत्येक दिन के हिसाब से १५० रुपए दिया जाता है। ऐसे में एक ओर कुपोषित बच्चे सुपोषित होते हैं। वहीं माताओं को भी प्रोत्सान राशि मिल जाती है। यह राशि माताओं को अस्पताल से रिलीव होने के बाद दी जाती है।

प्रचार प्रसार से लौट सकती है रौनक
पोषण पुर्नवास केंद्र में कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने की योजना का प्रचार प्रसार नहीं हो पा रहा। यही वजह है कि केंद्र में वीरानी छाई हुई है। बेहतर प्रचार प्रसार होता तो यहां बच्चों की किलकारी और अधिक गूंजती। आज भी संस्थागत प्रसव के अभाव में बहुत सी माताएं कुपोषित बच्चों को जन्म देतीं हैं। डॉक्टरी सलाह के अभाव में उन्हें समय पर आयरन गोली व गर्भावस्था के दौरान विटामिन का खुराक नहीं मिल पाती है। इसके कारण कुपोषित बच्चे अधिक जन्म ले रहे हैं। यदि मताओं को भी गर्भ धारण करते ही सही जांच व पोषाहार योजना के मुताबिक मिले। शासन की इन योजनाओं का प्रचार प्रसार अच्छे से हो तो पोषण पुर्नवास केंद्र में बच्चों की संख्या निश्चित तौर पर बढ़ेगी।

-पोषण पुर्नवास केंद्र में कुपोषित बच्चों को पोषित करने कई तरह की सुविधाएं बढ़ाई गई हंै। लोगों को इसका लाभ लेना चाहिए। इसके लिए प्रचार प्रसार किया जाएगा- डॉ. वी जयप्रकाश, सीएमएचओ

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