क्रमिक भूख हड़ताल में जिला संरक्षक केके पाण्डेय जांजगीर के तहसील अध्यक्ष विशाल वैभव, हरनारायण मानसर, प्रसन्न कुमार साव, कुमारी साधना मार्शल, सुनीता पांडे, तुलसी शर्मा, उमेश साहू, शेष नारायण कश्यप, प्रवीण दुबे ने आज भूख हड़ताल में बैठे रहे। उन्होंने प्रदेश की रमन सरकार को बार-बार वेतन विसंगति के संबंध में ध्यान आकर्षित कराया, लेकिन शायद उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। क्योंकि पिछले कई दिनों से हड़ताल जारी होने के बाद भी रमन सरकार के द्वारा कोई भी सकारात्मक पहल नहीं किया गया है। जिससे पूरे प्रदेश भर के लिपिक आक्रोशित है।
पोषण पुनर्वास केंद्रों में सुविधाओं का इजाफा, फिर भी दिखाई नहीं दे रही रौनकता, ये है वजह… उन्होंने बताया कि यह मांग उनकी विगत 37 वर्षों से लंबित मांग है। किसान सम्मेलन संबंध में 22 सितंबर को जांजगीर जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कार्यक्रम था। जिसमें वेतन विसंगति के संबंध में ध्यान आकर्षित करने के लिए समस्त लिपिकों के द्वारा श्रृंखला बनाने की सूचना दी गई। जिससे सभी पदाधिकारियों को जिला प्रशासन द्वारा अनुमति नहीं प्रदान की गई। संघ के जिला महामंत्री एसके तांडी द्वारा बताया गया कि सरकार को बार बार लिपिकों ने वेतन विसंगति दूर करवाने की जानकारी देने के बावजूद भी उन्हें नजर अंदाज कर रही है। अगर इसी तरह का उनका रवैया रहा तो वह आने वाले समय में सत्ता में नहीं दिखेगी अत: सरकार को सत्ता में रहना है तो लिपिकों की मांग को जल्द से जल्द पूरा करना होगा।
गोपाल दास मानिकपुरी तहसील अध्यक्ष बलौदा के द्वारा बताया गया कि हड़ताल जारी रहने के कारण वेतन देयक को कोषालय में प्रस्तुत नहीं किया जाएगा। जिससे प्रदेश के समस्त कर्मचारियों को इस माह वेतन प्राप्त नहीं हो सकेगा। पूरे प्रदेश स्तर पर आर्थिक स्थिति बिगड़ेगी। जिससे सरकार के लिए चुनौती बढ़ते जाएगी। लिपिकों का कहना है कि उनका हौसाल अभी कम नहीं हुआ है और वह अपनी मांग को मनाने के लिए आखिरी दम तक लड़ाई जारी रखेंगे।