scriptदो साल में भी नहीं बना पाए 42 करोड़ के 27 भवन, किराए में फूंक रहे सालाना 12 लाख, इन गांवों में स्वीकृत है भवन | 27 buildings of 42 crore could not be built even in two years | Patrika News

दो साल में भी नहीं बना पाए 42 करोड़ के 27 भवन, किराए में फूंक रहे सालाना 12 लाख, इन गांवों में स्वीकृत है भवन

locationजांजगीर चंपाPublished: Jul 06, 2019 11:42:19 am

Submitted by:

Vasudev Yadav

जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग के निर्माणाधीन भवनों की स्थिति बेहद बदतर है। 27 छात्रावासों (Hostels) में जिला खनिज संस्थान न्यास मद (डीएफएफ) से पिछले दो सालों से भवन का निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए ऐसा नहीं लग रहा है कि इन भवनों में आगामी दो सालों में छात्रावास (Hostel) संचालित हो पाएगी। अलबत्ता शासन को सालाना 12 लाख रुपए अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा।

दो साल में भी नहीं बना पाए 42 करोड़ के 27 भवन, किराए में फूंक रहे सालाना 12 लाख, इन गांवों में स्वीकृत है भवन

दो साल में भी नहीं बना पाए 42 करोड़ के 27 भवन, किराए में फूंक रहे सालाना 12 लाख, इन गांवों में स्वीकृत है भवन

जांजगीर-चांपा. आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा जिले में 110 छात्रावास (Hostel) संचालित है। जिसमें 83 छात्रावास (Hostel) के पास ही खुद का भवन है। शेष 27 छात्रावास (Hostel) किराए के भवन में संचालित है। इन 27 भवनों के निर्माण के लिए डीएफएफ मद से 42 करोड़ की राशि स्वीकृत हुई है। भवन निर्माण का कार्य वर्ष 2017 से शुरू हुआ है, लेकिन दो साल बाद भी भवन का निर्माण पूरा नहीं हुआ है।
दिलचस्प बात यह है कि कई छात्रावास जमीन न मिलने व जमीन विवाद के कारण भवन का निर्माण ही शुरू नहीं हो पाया है। अलबत्ता ऐसे छात्रावास किराए के भवन में संचालित हो रहे हैं। नवागढ़ ब्लाक के कुटरा, बम्हनीडीह ब्लाक के अफरीद, चोरिया, डभरा ब्लाक का कोटमी, बलौदा ब्लाक के खैजा, कन्या पामगढ़, बालक पामगढ़ सहित कई छात्रावास में विवाद के कारण भवन निर्माण का कार्य शुरू नहीं हो पाया है जिसके चलते किराए में छात्रावास चल रहे हैं।
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एक करोड़ 52 लाख में बन रहा प्रत्येक भवन
आदिम जाति कल्याण विभाग के मुताबिक प्रत्येक भवनों की लागत एक करोड़ ५२ लाख रुपए से लेकर एक करोड़ ६२ लाख रुपए निर्धारित किया गया है। जिन भवनों के लिए कार्य प्रगतिरत है उन भवनों के लिए बजट दिया जा रहा है कि लेकिन जिन भवनों का निर्माण कार्य शुरु नहीं हो पाया है उनके लिए अभी बजट स्वीकृत ही नहीं हुआ है। क्योंकि कई भवन ऐसे हैं जिनका काम विवादों के कारण अटका हुआ है और काम शुरू नहीं हो पा रहा।

इन गांवों में स्वीकृत है भवन
जिले के २७ गांवों में छात्रावास के लिए भवन स्वीकृत है। जिसमें बिर्रा, सलनी, मसनियाखुर्द, गुचकुलिया, कुटरा, भुईगांव, तनौद, ससहा, चोरिया, अफरीद, कोटमी (ड) छपोरा, अकलतरा, मालखरौदा, पामगढ़, केरीबंधा, आमापाली, पहरिया, खैजा ब. पामगढ़, हसौद, चांपा, हसौद, ओड़ेकेरा, अकलतरा, बिर्रा, राहौद गांव का शामिल है।

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