scriptएनआईटी कैंपस में हर साल होगा 4 लाख लीटर रेन वाटर रीचार्ज | 4 lakh liters of rain water recharge will be done every year at NIT ca | Patrika News

एनआईटी कैंपस में हर साल होगा 4 लाख लीटर रेन वाटर रीचार्ज

locationजांजगीर चंपाPublished: Feb 19, 2020 12:22:28 am

* किया जा रहा है सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट व रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का निर्माण
* एनआईटी को स्मार्ट कैंपस के रूप में विकसित करने डायरेक्टर द्वारा किए जा रहे हैं प्रयास
 

एनआईटी कैंपस में हर साल होगा 4 लाख लीटर रेन वाटर रीचार्ज

एनआईटी कैंपस में हर साल होगा 4 लाख लीटर रेन वाटर रीचार्ज

डॉ. संदीप उपाध्याय@रायपुर. दिन पर दिन गिरते भूगर्भ जल के स्तर को देखते हुए एनआईटी प्रबंधन ने भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग की तरफ कदम बढ़ाया है। एनआईटी रायपुर के कैंपस में रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तैयार किया गया है। इसके लिए पार्र्किंग एरिया के पास एक 30 क्यूबिक मीटर की क्षमता वाला रीचार्ज टैंक तैयार किया जा रहा है। यह सिस्टम इस 2020 की बरसात तक शुरू हो जाएगा।
एनआईटी प्रबंधन की माने तो इससे चार लाख लीटर वर्षा जल का संचयन एनआईटी परिसर में किया जा सकेगा, जो कि भू गर्भ के वाटर रिचार्ज में एक बड़ी भूमिका अदा करेगा। एनआईटी के डायरेक्टर डॉ. एएम रावाणी ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि वह एनआईटी कैंपस को एक स्मार्ट परिसर के रूप में विकसित करना चाहते हैं। इसके लिए प्रबंधन अलग-अलग प्रयोग भी कर रहा है। सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण करना इन्हीं में एक प्रयोग है। उन्होंने बताया कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण करने के लिए सीपीडब्ल्यूडी को वर्क ऑर्डर दिया जा चुका है। उम्मीद है कि इस वर्ष के अंत तक यह प्लांट चालू हो जाएगा। इसके साथ ही वर्षा जल के संचयन के लिए संस्थान ने एक रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम विकसित किया है। इससे जो बारिश का पानी एकत्र होगा उसके संचयन के लिए पार्किंग क्षेत्र के पास एक 30 क्यूबिक मीटर की क्षमता वाला रिचार्ज टैंक का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि इस रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के जरिए एनआईटी कैंपस में ही अकेले लगभग चार लाख लीटर वर्षा जल का संचयन किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य पानी की कम से कम खपत करना और साथ ही अधिक से अधिक भूजल रिचार्ज करना है। इसके लिए ससत प्रयास जारी रहेंगे।
वर्षा जल का संचयन गंभीर विषय

एनआईटी प्रबंधन का कहना है कि जिस तरह से तेजी से जलवायु परिवर्तन हो रहा है। वैश्विक तापमान के साथ जनसंख्या में वृद्धि हो रही है। ऐसी स्थिति में पानी आवश्यकता की पूर्ति एक गंभीर विषय हो गया है। यदि हमें अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए पानी का संरक्षण करना है कि रेन वार्टर को रिचार्ज करने के तरीके अख्तियार करने के साथ ही साथ पेड़ों की कटाई को रोकना होगा। भारत सरकार के जल शक्ति अभियान से प्रेरित होकर ही एनआईटी प्रबंधन ने 2019 में बोरवेल रिचार्ज सिस्टम पर अमल किया, जिससे वर्षा जल का संचय किया जा सके।
सड़क किनारे बनाए गए पानी जमा करने के प्वाइंट

रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के साथ ही वर्षा जल का संचय करने के लिए एनआईटी प्रबंधन ने कैंपस में सड़क के किनारे-किनारे नालियों का निर्माण किया है और उसके साथ ही पानी रिचार्ज करने के प्वाइंट तैयार किए हैं। इसके लिए एनसीसी कार्यालय, ब्वायज हॉस्टल सहित अन्य संस्थानों के पास ११५ घन मीटर की क्षमाता वाले टैंक तैयार किए गए हैं। इसे आरसीसी से कवर करके रखा गया है, जिससे नालियों का पानी यहां जाकर सही तरीके भूगर्भ तक पहुंच सके।
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