जिले के पामगढ़़ क्षेत्र के गांव कुटरबोड में जिला मलखंभ संघ का ट्रेनिंग सेंटर है। जहां बड़़े भाई के साथ 4 साल का कुटराबोड निवासी समीर दिनकर भी जाता था। बड़े भाई को देखकर समीर दिनकर भी 10 फीट के खंभे में चढ़़ा, लेकिन वह शुरुआत में गिर गया। दूसरे दिन फिर चढ़ने की कोशिश करने लगा।
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बालक की हिम्मत को देखकर कोच प्रभात जांगड़े दंग रह गए। कोच ने समीर को भी मलखंभ का प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया। समीर 10 फीट के खंभे में ऐसे करतब दिखाता है कि देखकर होश उड़़ जाएंगे। अपने खेल से पूरे जिले का नाम रोशन कर रहा है। समीर अब ऑनलाइन नेशनल मलखंभ प्रतियोगिता में करतब दिखाएगा।
बच्चे की रुचि ने ही उसे सीखने में मदद की
कोच प्रभात जांगड़े का कहना है कि समीर दिनकर में गजब का आत्मविश्वास व हिम्मत है। वह बिना डरे और बहुत जल्द ही मलखंभ के दावपेंच सीख गया। मलखंभ के बारे में कोच कहते हैं कि यह थोड़ा मुश्किल जरूर है, लेकिन अभ्यास से संभव है। इसमें पहली सीढ़ी योग, बाजूओं की मजबूती, चुस्ती-फुर्ती (लचीलापन), संतुलन, तेज दिमाग आवश्यक है।
बड़े भाई से मिली प्रेरणा
समीर दिनकर का बड़ा भाई 14 साल का है। वह भी चार साल से मलखंभ सीख रहा है। सालभर पहले मलखंभ कमेटी द्वारा बिलासपुर में सब जूनियर व मिनी जूनियर की ३२ वीं नेशनल प्रतियोगिता हुई थी। इसमें समीर के बड़े को मेडल और पुरस्कार भी प्राप्त हुआ था।
फेसबुक में मिले एक लाख से अधिक लाइक
प्रभात जांगड़े ने समीर के मलखंभ का करतब दिखाते हुए वीडियो फेसबुक पर अपलोड किया है। जिसको पांच दिन में में ही एक लाख से ज्यादा लाइक मिल चुके हैं।
खेलो इंडिया पर नजर
केन्द्र शासन की खेलो इंडिया स्कीम में मलखंभ को शामिल करने के बाद इन खिलाडिय़ों की नजर अब खेलो इंडिया में पदक जीतने पर है। इसके लिए इन्हें स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया में अपनी योग्यता साबित करनी होगी। इसके लिए छोटे से ही उम्र में नियमित अभ्यास करना जरूरी है।