scriptगन्ने के अवशेष से शहर हो रहा गंदाशहर में दर्जन भर चलती-फिरती दुकान | A dozen of sugarcane juice shop in the city | Patrika News

गन्ने के अवशेष से शहर हो रहा गंदाशहर में दर्जन भर चलती-फिरती दुकान

locationजांजगीर चंपाPublished: Apr 21, 2018 08:20:19 pm

Submitted by:

Shiv Singh

चौक-चौराहों पर गन्ने के रस की चलती-फिरती दुकानें

चौक-चौराहों पर गन्ने के रस की चलती-फिरती दुकानें

चौक-चौराहों पर गन्ने के रस की चलती-फिरती दुकानें

जांजगीर-चांपा. गर्मी शुरू होते ही शहर में चौक-चौराहों पर गन्ने के रस की चलती-फिरती दुकानें दिखाई पडऩे लगा है। ये चलती-फिरती दुकानें भले ही लोगों को गर्मी में राहत पहुंचा रही हो, लेकिन इससे ज्यादा शहर की सूरत बिगाड़ा दे रही है। खास बात तो यह है कि शहर में गन्ने के दो दर्जन से अधिक चलती-फिरती दुकानों पर जूस कितनी गुणवत्ता का है, यह आम व्यक्ति ही नहीं खुद प्रशासन को पता नहीं। वहीं शहर में गंदगी की समस्या जरूरी दिखाई दे रही है।

मौसम शुरू होते ही शहर में गन्ने का रस निकालने वाले विक्रेताओं की बाढ़
गर्मी का मौसम शुरू होते ही शहर में गन्ने का रस निकालने वाले विक्रेताओं की बाढ़ सी आ गई है। इनमें स्थानीय लोग कम और बाहर से आने वाले लोगों की संख्या ज्यादा होती है। इन दिनों में भी शहर में करीब दो दर्जन से अधिक दुकानें सजाकर रखी है। हालांकि ऐसे लोग शहर में नए नहीं है, बल्कि कई सालों से मौसम अनुसार जैसे मूंगफली, फलों का जूस, गन्ने का रस, गाजर का कार्य करते नजर आएंगे।


न लाइसेंस और न कोई मंजूरी
ऐसे लोगों ने सड़क पर चौक-चौराहों व तिराहे पर गन्ने का रस एवं अनय कार्य करने वाले लोगों ने नगर पालिका से कोई मंजूरी नहीं ले रखी है। वहीं कमाई के फेर में ऐसे लोग अपनी चलती-फिरती दुकानों को सड़क के काफी आगे तक खड़ा कर देते है, जिससे लोगों को सड़कों पर चलने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

इतना ही नहीं इनके पास गन्ने का अवशेष को एकत्र रखने के लिए संसाधनों का भी अभाव है। इस कारण गन्ने के अवशेष सड़कों तक फैल गंदगी को बढ़ाते हैं। जबकि इस ओर न तो नगर पालिका ध्यान दे रही है और न ही प्रशासन इस ओर कोई ठोस कदम उठा रहा है। गंदगी की समस्या जरूरी दिखाई दे रही है।
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