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शहर अंदर हर रोज चलता हैं भारी वाहन, कभी भी घट सकती है बड़ी घटना

locationजांजगीर चंपाPublished: Sep 16, 2019 07:41:37 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

दो बजे के बाद शहर में एक साथ घुसते हैं बड़े-बड़े वाहन, दो से तीन किमी तक लगी रहती सड़क के दोनों ओर वाहनों की कतारें, यातायात विभाग के जवान नहीं आते नजर

शहर अंदर हर रोज चलता हैं भारी वाहन, कभी भी घट सकती है बड़ी घटना

शहर अंदर हर रोज चलता हैं भारी वाहन, कभी भी घट सकती है बड़ी घटना

जांजगीर-चांपा. दो बजते ही शहर के अंदर हर रोज मौत का खेल शुरू हो जाता है। भारी वाहन सड़क के दोनों ओर एक साथ घुस जाते है। जिससे शहर में दो से तीन किमी तक लंबी लाइन लग जाती है। इसी बीच पैदल, बाइक व कार चालक अपने जान को खतरे में डालकर आवागमन करते मजबूर होते है। इसकी व्यवस्था बनाने के लिए जिम्मेदार यातायात के जवान कहीं पर नजर नहीं आते।
शहर अंदर जाम से निजात दिलाने के लिए एसपी द्वारा नो एंट्री के लिए समय निर्धारित किया गया है। सुबह के समय ६ से दोपहर २ बजे तक नो एंट्री है। इसके वजह से बनारी के पास भारी वाहनों को रोक दिया जाता है। इधर दूसरी ओर खोखसा फाटक के पास भारी वाहनों को रोका जाता है। जैसे ही दोपहर के 2 बजता है, एक साथ चांपा व बनारी दोनों तरफ से भारी वाहन शहर अंदर घुसते है। जिसके बाद शहर अंदर मौत का खेल शुरू हो जाता है। शहर के अंदर नेताजी चौक, कचहरी चौक, बीटीआई चौक में हर रोज यह मौत का खेल आपको देखने को मिल जाएगा। सड़क के दोनों ओर भारी वाहन तेज रफ्तार में फर्राटे मारते रहते है। इस बीच शहर में लोग आवागमन करते हैं तो डरे सहमे करते है। क्योंकि भारी वाहन के चपेट में आने से कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है। सड़क के दोनों ओर हर रोज वाहनों की लंबी कतारें लगी रहती है। यह नजारा हर रोज दो घंटा तक शहर अंदर देखने को आपको मिल जाएगा।

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यातायात के जवान नहीं आते नजर
शहर में यह मौत का खेल हर रोज चलता है। बावजूद जिम्मेदार यातायात विभाग के जवान व्यवस्था बनाने नजर नहीं आते है। इस दौरान चौक में भी जवान नजर नहीं आते। कभी-कभार चौक में खड़े भी रहेंगे तो उसके सामने भारी वाहन के कारण जाम की स्थिति निर्मित होगी तो यह जवान चौक से खड़े होकर देखते रहेंगे। व्यवस्था बनाने के लिए नहीं जाते।

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प्रशासनिक लापरवाही के कारण सड़क पर नाच रही मौत
शहर के अंदर भी हाइवे काफी जर्जर हो चुकी है। मेन रोड में नेताजी चौक से लेकर बीटीआई चौक तक ८० से ९० गड्ढे उभर आए है। इस दो से चार फीट की गड्ढे में भारी वाहन हिचकोले खाते हुए गुजरती है। इसी बीच पैदल, बाइक, कार चालक भी पार करते रहते है। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इसके बावजूद जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी इसे बनवाने ध्यान नहीं दे रहे है। शायद उसको बड़े हादसे का इंतजार है।

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