मजदूर संघ का कहना है कि अंत में आत्मदाह तक किया जाएगा। शुक्रवार को जिला प्रशासन व पुलिस अफसरों की टीम अनशन स्थल पर मजदूरों को मनाने की कोशिश कर रही थी। मौके पर प्लांट के पदाधिकारी भी थे। मजदूरों को अनशन समाप्त करने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। फिर पुलिस प्रशासन एक्शन मोड में आई और अनशन पर बैठे श्रमिक नेता समेत 67 लोगों के खिलाफ धारा 151 की कार्रवाई करते हुए जांजगीर के जिला जेल भेज दिया।
यह है प्रमुख मांगें
छग पॉवर मजदूर संघ एचएमएस यूनियन संघ की प्रमुख मांग है कि काम से बाहर निकाले गए 35 कर्मचारी नेताओं को बहाल किया जाए और उनकी ज्वाइनिंग कराई जाए। वहीं भूविस्थापितों को मानदेय के रूप में 17 हजार रुपए भुगतान किया जाए। इस दौरान प्रशासन, मजदूर संघ एवं प्लांट प्रबंधन के बीच तीन बार बैठकों का दौर चला। इसमें प्लांट प्रबंधन मजदूरों की मांगें मानने तैयार है, लेकिन प्लांट प्रबंधन ने भी शर्त रखी थी कि अब मजदूर नेता दोबारा हड़ताल नहीं करेंगे। जिसे मजदूर नेता मानने तैयार नहीं है। इसके कारण विवाद बढ़ते जा रहा है।