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अनशन कर रहे 67 श्रमिक नेताओं पर रात में चला प्रशासन का डंडा, परिजनों को खदेड़ा गया, श्रमिक नेता भेजे गए जेल

locationजांजगीर चंपाPublished: Oct 19, 2019 12:47:36 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

Action of Administration: भूख हड़ताल पर बैठे श्रमिक नेताओं पर प्रशासन का रात में डंडा चला। परिजनों को पंडाल से खदेड़ा गया, वहीं श्रमिक नेताओं को जेल भेजा गया है।

अनशन कर रहे 67 श्रमिक नेताओं पर रात में चला प्रशासन का डंडा, परिजनों को खदेड़ा गया, श्रमिक नेता भेजे गए जेल

अनशन कर रहे 67 श्रमिक नेताओं पर रात में चला प्रशासन का डंडा, परिजनों को खदेड़ा गया, श्रमिक नेता भेजे गए जेल

जांजगीर-चांपा. केएसके महानदी पावर प्लांट में बीते तीन दिनों से अनशन पर बैठे 67 मजदूर एवं संघ के पदाधिकारियों को पुलिस एवं प्रशासन ने देर रात धारा 151 के तहत जेल दाखिल कर दिया है। वहीं पंडाल पर बैठे उनके परिजनों को रात को खदेड़ दिया गया। अनशनकारियों के पंडाल को भी तोडफ़ोड़ दिया है। श्रमिक नेताओं का कहना है कि इस तरह की नीति मजदूरों के आंदोलन को कुचलने की मंशा को दर्शा रहा है। जबकि प्रशासन का कहना है कि मजदूर संघ प्लांट प्रबंधन व प्रशासन को ब्लेकमेल कर रहे हैं। जिसका नतीजा यह रही।
ज्ञात हो कि बीते एक सप्ताह से छग पॉवर मजदूर संघ एचएमएस यूनियन ने आमरण अनशन शुरू किया था। पिछले चार दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू होने के बाद भी प्रबंधन मजदूरों की मांगों को मानने तैयार नहीं थी, जिसके चलते संघ ने आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए बीते चार दिनों से आमरण अनशन शुरू कर दिया था।
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मजदूर संघ का कहना है कि अंत में आत्मदाह तक किया जाएगा। शुक्रवार को जिला प्रशासन व पुलिस अफसरों की टीम अनशन स्थल पर मजदूरों को मनाने की कोशिश कर रही थी। मौके पर प्लांट के पदाधिकारी भी थे। मजदूरों को अनशन समाप्त करने का सिलसिला देर रात तक चलता रहा। फिर पुलिस प्रशासन एक्शन मोड में आई और अनशन पर बैठे श्रमिक नेता समेत 67 लोगों के खिलाफ धारा 151 की कार्रवाई करते हुए जांजगीर के जिला जेल भेज दिया।

यह है प्रमुख मांगें
छग पॉवर मजदूर संघ एचएमएस यूनियन संघ की प्रमुख मांग है कि काम से बाहर निकाले गए 35 कर्मचारी नेताओं को बहाल किया जाए और उनकी ज्वाइनिंग कराई जाए। वहीं भूविस्थापितों को मानदेय के रूप में 17 हजार रुपए भुगतान किया जाए। इस दौरान प्रशासन, मजदूर संघ एवं प्लांट प्रबंधन के बीच तीन बार बैठकों का दौर चला। इसमें प्लांट प्रबंधन मजदूरों की मांगें मानने तैयार है, लेकिन प्लांट प्रबंधन ने भी शर्त रखी थी कि अब मजदूर नेता दोबारा हड़ताल नहीं करेंगे। जिसे मजदूर नेता मानने तैयार नहीं है। इसके कारण विवाद बढ़ते जा रहा है।

-केएसके महानदी पावर प्लांट में अनशन पर बैठे 67 मजदूर नेताओं के खिलाफ प्रशासन के निर्देशन पर धारा 151 की कार्रवाई की गई। उन्हें खोखरा के जिला जेल में बंद किया गया है। केपी टंडन, थाना प्रभारी मुलमुला
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