216 कंपनियों में डूबी है रकम पर जिले में मिली 5 चिटफंड कंपनियों की संपत्ति
जांजगीर चंपाPublished: Nov 19, 2022 06:18:09 pm
चिटफंड कंपनियों में रकम लुटाने वाले लोगों को पैसा वापसी का इंतजार लंबा ही होता जा रहा है। चिटफंड में रकम लुटाने वाले जिले के निवेशकों से आवेदन मंगाए १५ माह हो चुके हैं। पिछले साल माह अगस्त तक आवेदन लेने की प्रक्रिया चली थी।


216 कंपनियों में डूबी है रकम पर जिले में मिली 5 चिटफंड कंपनियों की संपत्ति
जांजगीर-चांपा. कुछ जिलों में कुर्की की कार्रवाई हो चुकी है और निवेशकों को भी रकम भी वापस मिलने लगी है। मगर जिले में निवेशकों को रकम वापसी की अब तक शुरुआत नहीं हो पाई है। क्योंकि जिन कंपनियों की जिले में चल-अचल संपत्ति मिली है, उनकी कुर्की की कार्रवाई नहीं हो पाई है। मामला अभी न्यायालय में प्रक्रियाधीन है। दूसरी ओर, जिले में २१६ चिटफंड और अनियमित वित्त्तीय कंपनियों में निवेशकों के ४ अरब ३४ करोड़ रुपए निकल रहे हैं मगर जिले में २१६ में से मात्र ५ कंपनियों की ही चल-अंचल संपत्ति (जमीन) का पता चला है। इन कंपनियों की भी कितनी की चल अंचल संपत्ति है, कुर्की के बाद कितना पैसा, कितने निवेशकों को मिलेगा, इस संबंध में भी अभी कुछ स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। फिर भी ५ कंपनियों की चल-अचल संपत्ति इतनी नहीं होगी कि ४३५ करोड़ रुपए मिल जाए। ऐसे में यह सवाल हर निवेशकों के मन में उठ रहा है कि आखिर उन्हें पैसा मिलेगा भी या नहीं।
गौरतलब है कि चिटफंड कंपनियों के चंगुल में फंसकर प्रदेशभर के लोग ठगी का शिकार हुए हैं। जिले में भी १ लाख ८७ हजार ६७२ निवेशकों ने ऐसी ही चिटफंड कंपनियों के लोक लुभावन वादे और चंद दिनों में पैसा डबल जैसे स्कीम में पड़कर ४ अरब ३५ करोड़ रुपए निवेश किए हैं। यह खुलासा चिटफंड कंपनियों में डूबे रकम को राज्य सरकार द्वारा वापस दिलाए जाने की प्रक्रिया के तहत मंगाए गए आवेदनों से हुआ है। इसके बाद निवेशकों का पैसा लौटाए जाने को लेकर जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक कार्रवाई चल रही है। मगर प्रक्रिया लंबी वजह होने की वजह से रकम वापसी में की प्रक्रिया भी लंबी खीचती चली जा रही है।
इन कंपनियों की ही जिले में चल-अचल संपत्ति मिली
विनायक होम्स रियल स्टेल लिमिटेड, प्रतिष्ठा इन्फ्रा इंडिया लिमिटेड, कोलकाता वेयर इंडस्ट्रीज, गुरुकृपा इन्फा रियाल्टी इंडिया लिमिटेड और गरिमा होम्स एंड रियल स्टेट। इन पांच कंपनियों की चल-अचल संपत्ति जिला प्रशासन के द्वारा जिल में चिन्हांकित की गई है। बाकी कंपनियों की चल-अचल संपत्ति जिले में नहीं है।
संबंधित कंपनी के निवेशकों को पहली प्राथमिकता
बताया जा रहा है कि रकम वापसी में पहली प्राथमिकता कंपनी के निवेशकों को दिया जाएगा। इसके बाद बचत राशि को लेकर शासन स्तर पर निर्णय लिया जाएगा। जिले में फिलहाल ५ कंपनियों की जमीन मिली है। ऐसे में कुर्की की कार्रवाई के बाद इन कंपनियों के निवेशकों को पहली प्राथमिकता मिलेगी। बाकियों को अन्य जिलों की दौड़ लगानी पड़ रही है। जिले में २१६ चिटफंड कंपनियों में निवेशकों ने पैसा लगाया है। अब जिले में २११ कंपनियों की संपत्ति ही नहीं है। लेकिन इन कंपनियों की प्रदेशभर में किसी भी जिले में संपत्ति है और वहां कुर्की होती है तो पहली प्राथमिकता उस कंपनी के निवेशकों की मानी जा रही है। ऐसे में जिले के निवेशक भी हकदार होंगे। यानी जिस जिले में कुर्की की कार्रवाई होगी, निवेशकों को वहां की दौड़ लगानी होगी।
जिले में १ लाख ८७ हजार ६७२ निवेशकों ने २१६ चिटफंड और अनियमित वित्त्तीय कंपनियों में के विरुद्ध आवेदन किया है। जिसकी क्लेम राशि ४ अरब ३५ करोड़ ३१ लाख ९३ हजार ५ रुपए हैं। इनमें से ५ कंपनियों की चल-अंचल संपत्ति चिन्हांकित हुई है। पांचों कंपनियों के खिलाफ कुर्की की कार्रवाई चल रही है। जिला कलेक्टर से अंतरिम आदेश के बाद न्यायालय से ईश्तहार प्रकाशन हो चुका है। अंतिम फैसला न्यायालय से होना है। इसके बाद राज्य शासन के निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई होगी।
एसपी वैध, अपर कलेक्टर