विशिष्ट अतिथि विधायक सौरभ सिंह ने लोगों से शास्त्रीय संगीत के साथ-साथ संस्कृत भाषा को भी आगे बढ़ाने की अपील की। पहली प्रस्तुति बिलासपुर के दूरदर्शन एवं आकाशवाणी कलाकार राजेश मौंदेकर ने अपने शिष्यों के साथ गणेश वंदना, सरस्वती वंदना एवं तबला-जुगली बंदी पेश की। इसी तरह चांपा से पहुंचे शिव चौधरी एवं उनकी पार्टी ने प्रोग्राम पेश किया।
खैरागढ़ के युवा शास्त्रीय गायक भरत बिदवा ने ‘कैसे सुख सोवे ‘मोरा मन बांध लियो एक ताल में, राग मिश्र देश तीन ताल में ‘मोरा सैया बुलावे आधी रात को तथा एक भजन सुनाकर तालियां बटोरी। खैरागढ़ के तबला वादक रोशन कश्यप ने संगत की। शास्त्रीय गायक एवं गुरु वेदराम यादव, बलभद्र प्रसाद शुक्ल सक्ती, कार्यक्रम संयोजन संतोष अग्रवाल, सतीष सिंह ने प्रस्तुति दी।
संचालन केडी वैष्णव एवं छेदी शर्मा ने तथा आभार प्रदर्शन संतोष अग्रवाल ने किया। इस मौके पर राधेश्याम शर्मा, केआर कश्यप, जयंत कश्यप, नवल अग्रवाल, आरसी मिश्रा, एमएल साहू, छेदीलाल शर्मा, विरेन्द्र जैन, डॉ. हरिकृष्ण अग्रवाल, राजेश अग्रवाल, आनंद जैन, सुनील जैन, महेन्द्र शर्मा, राजेश्वर पाटले, मनीष यादव, अमित केडिया, आशालता सिंह, रमेश जैन, रवि जैन, राकेश जैन, सुशील जैन, कैलाश ताम्रकार समेत बड़ी संख्या में श्रोता उपस्थित थे।