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जिला अस्पताल में आई आटोमेटिक ए-स्कैन मशीन, जल्द से आटोक्लेव मशीन भी आएगी

locationजांजगीर चंपाPublished: Apr 15, 2019 07:18:35 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

मोतियाबिंद मरीजों के ऑपरेशन में बढ़ेगी सुविधा

जिला अस्पताल में आई आटोमेटिक ए-स्कैन मशीन, जल्द से आटोक्लेव मशीन भी आएगी

जिला अस्पताल में आई आटोमेटिक ए-स्कैन मशीन, जल्द से आटोक्लेव मशीन भी आएगी

जांजगीर-चांपा. जिला अस्पताल में आंखों के इलाज से जुड़ी अच्छी खबर है। अब यहां नई मशीनों से मोतियाबिंद के मरीजों की जांच और ऑपरेशन की सुविधा मिलेगी। आई वार्ड में दो नई अत्याधुनिक आटोक्लैव मशीन और ए-स्कैन मशीनें लगेंगी। इसमें से एक मशीन जिला अस्पताल में आ भी चुकी है। हफ्ते दिन से भीतर दूसरी मशीनें भी आ जाएगी। नए मशीनें आ जाने से जिला अस्पताल में मोतियाबिंद के मरीजों का और बेहतर इलाज होगा।
उल्लेखनीय है कि जिला अस्पताल में आई वार्ड में स्वास्थ्य सुविधाओं में इजाफा हो रहा है। नेत्र चिकित्सक डॉक्टर मनोज की पदस्थापना के साथ यहां आंखों के इलाज में तेजी आई है। हर रोज यहां मोतियाबिंद के मरीजों का ऑपरेशन किया जा रहा है। शासन द्वारा स्वास्थ्य सुुविधाओं को देखते हुए अत्याधुनिक मशीनें दे रही है ताकि इलाज में डॉक्टरों को आसानी हो। इसी कड़ी में जिला अस्पताल को दो नई मशीनें मिली है। दो नईं मशीनें आ जाने से मोतियाबिंद मरीजों की जांच और ऑपरेशन और ज्यादा तेजी से हो पाएगी और मरीजों को ज्यादा मिलेगी। उल्लेखनीय है कि कुछ सालों पहले तक जिला अस्पताल में नेत्र सर्जन नहीं होने से आर्ड वार्ड में अंधेरा छा गया था। करीब तीन सालों तक डॉक्टर विहीन रहने से यहां आंखों का इलाज ही नहीं हो पा रहा था। मोतियाबिंद के मरीजों को भटकना पड़ रहा था। डॉ. मनोज राठौर की पदस्थापना होने के बाद यहां एक बार फिर आंखों का इलाज शुरू हुआ और अब प्रतिदिन बड़ी संख्या में मोतियाबिंद मरीजों का ऑपरेशन यहां किया जा रहा है। विदित हो कि आंखफोड़वा कांड के बाद मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए कैंप लगाने पर सरकार ने रोक लगा रही है। ऐसे में जिला अस्पताल समेत बड़े संस्थानों में ही मोतियाबिंद का ऑपरेशन हो रहा है। ऐसे में जिला अस्पताल में सुविधा बढऩे से मरीजों को फायदा होगा।

जानिए क्या है ए-स्कैन व आटोक्लेव मशीन
नेत्र चिकित्सक डॉ. मनोज राठौर ने बताया कि ए-स्कैन मशीन मोतियाबिंद के मरीज के आंखों में लगने वाले लैंस का पावर जांच करती है कि ऑपरेशन के बाद मरीज को कितने पावर का लैंस लगाना है। जिला अस्पताल में यह मशीन नहीं थी। बाहर से मंगाकर इलाज कर रहे थे। अब नई मशीनें मिल गई है। इसी तरह आटोक्लेब मशीन ऑपरेशन में उपयोग होने वाले सभी इस्टूमेंट की सफाई करती है ताकि किसी प्रकार का संक्रमण न हो। यह काफी बड़ी मशीन है। नई मशीनें मिल जाने से काफी सुविधा होगी और ऑपरेशन में तेजी आएगी।

हर दिन हो रहे हैं ऑपरेशन
मोतियाबिंद ऑपरेशन के मरीजों की सुविधा देने के लिए वार्डों का विस्तार किया गया है। ऊपर के तल में एक वार्ड बनाया गया है जहां मरीजों को भर्ती रखा जा रहा है। ज्यादा से ज्यादा मरीजों का मोतियाबिंद का सफल ऑपरेशन करने का लक्ष्य रखकर प्रतिदिन यहां मोतियाबिंद के मरीजों का ऑपरेशन किया जा रहा है।

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