शहर के बीडीएम गार्डन को नगरपालिका द्वारा दुल्हन की तरह सजाने की योजना बनाई गई थी। इसके लिए नगरपालिका के पीआईसी कमेटी ने हामी भर दी थी। इस काम के लिए पार्षदों ने अपने मद से राशि देने भी तैयार थे। लेकिन डेढ़ साल बाद योजना ठंडे बस्ते में चली गई है। योजना यह भी थी कि वाई-फाई जोन बनने के बाद शहर के लोग यहां ठहरकर नेट का इस्तेमाल करते एवं सुकून के छांव बिता सकते, लेकिन नगरपालिका के कार्यकुशलता के अभाव के चलते योजना खटाई में चली गई है।
Video : धरना प्रदर्शन कर कर्मचारियों ने भरी हुंकार, संविदा प्रथा बंद कर दैवेभो कर्मचारियों को नियमित करने जोर की आवाज बताया जा रहा है कि इसके लिए बजट का अभाव था और पार्षदों ने भी अपने मद की राशि को देने से इनकार कर दिया, जिसके चलते योजना ठंडे बस्ते में चली गई। डेढ़ साल पहले नगर पालिका ने बच्चों के लिए यहां झूले की संख्या भी बढ़ाई थी। वह भी पूरी तरह से टूटकर बिखर गए। इसके अलावा लोगों के बैठने के लिए चेयर की संख्या में बढ़ाने की योजना थी वह भी मूर्त रूप नहीं ले पाई। जिसके चलते नगरपालिका का यह गार्डन अब बदहाली की ओर पांव पसार रहा है।
उल्टे बना कबाड़ खाना
नगरपालिका का बीडीएम गार्डन दिन-ब-दिन कबाडख़ाना बनते जा रहा है। यहां की हरियाली व छटा बिखेरने केवल एक दिन ताम झाम किया जाता है। 23 जुलाई को बीडीएम के जन्म दिवस पर यहां कांग्रेसियों सहित लोगों की भीड़ जुटती है और शहर के लोग बड़ी संख्या में यहां पहुंचते हैं, लेकिन बीडीएम की बदहाली को देखकर उनका भी मोहभंग हो जाता है। यहां के कुर्सी के झूले सहित सारे संसाधन टूट चुके हैं, जिसके चलते बच्चे भी यहां नहीं पहुंच पाते।
फेल हुई योजना
शहर के बीडीएम गार्डन में वाई-फाई जोन बनाने की तैयारी चल रही थी, लेकिन आर्थिक अभाव के चलते योजना मूर्त रूप नहीं ले सकी- आशुतोष गोस्वामी, उपाध्यक्ष नपा जांजगीर नैला