ब्लास्टिंग से पूर्व क्षेत्र के ग्रामीणों को भी छोटे-छोटे बच्चों समेत परिजनों को घर से बाहर निकलना पड़ा। लोगों को पहले उनके मकान से भरी दोपहरी में लगरा मोड़ तक लेकर गए। उसके बाद ब्लास्टिंग करवाया गया। वहां रह रहे लोगों ने ब्लास्टिंग (Blasting) का जो मंजर देखा उससे ग्रामीण सहम गए। ब्लास्टिंग (Blasting) के बाद जब लोग अपने-अपने घर लौटे तो देखा कि किसी के घर का खप्पर टूटा था तो किसी का शीट टूटा हुआ था। इतना ही नहीं घर के बाहर पत्थर के बड़े-बड़े टुकड़े पड़े हुए मिले। इस तरह की ब्लास्टिंग यहां आये दिन होती है। इससे लोगों की जान-माल का खतरा बना हुआ है।