यूनिक कोड डालेंगे जांच के बाद
दसवीं के उत्तरपुस्तिका की जांच के बाद मूल्यांकन कर्ता रोल नंबर नहीं देख सकेंगे, इसलिए रोल नंबर की जगह वे उत्तर पुस्तिका के बी व सी सेक्शन में एक यूनिक कोड नंबर डालेंगे। यूनिक कोड नंबर भी उत्तरपुस्तिका से स्कैच करके निकाला जाएगा। यूनिक कोड नंबर से भी किसी की कोई पहचान उजागर नहीं हो सकेगी।
तीन स्तर पर होगी जांच
दोनों परीक्षाओं में तीन स्तर पर उत्तरपुस्तिका की जांच होगी । इसके बाद ही संबंधित स्टूडेंट को फाइनल अंक दिया जाएगा। स्वयं मूल्यांकनकर्ता जांचने के बाद उसे दोबारा जांचेंगे। फिर उपपरीक्षक और मुख्य परीक्षक भी इसे जांच कर पुष्टि करेंगे। तब पूणांर्क दर्ज किया जाएगा।
८० प्रतिशत से ज्यादा अंक मिलने पर होगा पुर्नमूल्यांकन
८० प्रतिशत से ज्यादा अंक पाने वाले छात्र की उत्तर पुस्तिका को दोबारा जांचने के लिए अपने यहां मंगा लिया जाता था। इस साल बोर्ड ने व्यवस्था बदल दी है और मूल्यांकन केंद्र प्रभारी को ही इसकी जिम्मेदारी है। यानी यदि किसी छात्र को ८० प्रतिशत से ज्यादा अंक मिलते हैं तो उसकी कापी का दोबारा मूल्यांकन उसी केंद्र में होगा।