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दसवीं के परीक्षार्थियों का रोल नंबर भी नहीं देख सकते वेल्वर

locationजांजगीर चंपाPublished: Mar 26, 2019 08:08:16 pm

Submitted by:

Rajkumar Shah

गड़बड़ी न हो इसलिए माशिमं ने इस बार किया बदलाव

गड़बड़ी न हो इसलिए माशिमं ने इस बार किया बदलाव

दसवीं के परीक्षार्थियों का रोल नंबर भी नहीं देख सकते वेल्वर

जांजगीर-चांपा. शहर के शासकीय उमावि क्रमांक १ जांजगीर में सोमवार से यहां 10वीं व 12वीं के उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू हो गया है। इस बार माशिमं ने १०वीं की परीक्षा में काफी बदलाव किए थे। पहली बार ओएमआर सीट और ४० पेज की आंसरसीट दी गई थी जिसके कारण मूल्यांकन कार्य में भी बदलाव हुआ है। जिसके तहत दसवीं के उत्तरपुस्तिका में इस बार कोई भी मूल्यांकन कर्ता, उपपरीक्षक व मुख्य परीक्षक भी बच्चों का रोल नंबर तक नहीं देख सकेंगे।
दरअसल, उत्तरपुस्तिका में परीक्षा के बाद ही स्टीकर चिपकाकर रोल नंबर व अन्य गोपनीय जानकारी को छिपा दिया गया था। जिसे मूल्यांकन करने वाले अफसर भी खोल कर नहीं देख सकेंगे। सिर्फ 10वीं कक्षा की उत्तरपुस्तिका के लिए यह नया नियम लागू हुआ है। 12वीं के उत्तरपुस्तिका की जांच पहले जैसे ही होगी। हर साल परीक्षा परिणाम जारी होने के बाद भी कई बच्चों के नंबर में कमी व बाद में जांच कराने में नंबर बढ़ गए थे। इस कारण इस बार मूल्यांकन में कोई गड़बड़ी ना हो, इसका पूरा ध्यान शिक्षा मंडल द्वारा रखा जाएगा। मूल्यांकन केंद्र में माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर से ८० हजार उत्तरपुस्तिकाओं भेजी गई है। सोमवार से यहां 10वीं व 12वीं के उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन शुरू हुआ है। पहले दिन दसवीं व बारहवीं की १७५६ कापियां जांची गई। मंगलवार को भी मूल्यांकन का कार्य चलता रहा।

यूनिक कोड डालेंगे जांच के बाद
दसवीं के उत्तरपुस्तिका की जांच के बाद मूल्यांकन कर्ता रोल नंबर नहीं देख सकेंगे, इसलिए रोल नंबर की जगह वे उत्तर पुस्तिका के बी व सी सेक्शन में एक यूनिक कोड नंबर डालेंगे। यूनिक कोड नंबर भी उत्तरपुस्तिका से स्कैच करके निकाला जाएगा। यूनिक कोड नंबर से भी किसी की कोई पहचान उजागर नहीं हो सकेगी।

तीन स्तर पर होगी जांच
दोनों परीक्षाओं में तीन स्तर पर उत्तरपुस्तिका की जांच होगी । इसके बाद ही संबंधित स्टूडेंट को फाइनल अंक दिया जाएगा। स्वयं मूल्यांकनकर्ता जांचने के बाद उसे दोबारा जांचेंगे। फिर उपपरीक्षक और मुख्य परीक्षक भी इसे जांच कर पुष्टि करेंगे। तब पूणांर्क दर्ज किया जाएगा।

८० प्रतिशत से ज्यादा अंक मिलने पर होगा पुर्नमूल्यांकन
८० प्रतिशत से ज्यादा अंक पाने वाले छात्र की उत्तर पुस्तिका को दोबारा जांचने के लिए अपने यहां मंगा लिया जाता था। इस साल बोर्ड ने व्यवस्था बदल दी है और मूल्यांकन केंद्र प्रभारी को ही इसकी जिम्मेदारी है। यानी यदि किसी छात्र को ८० प्रतिशत से ज्यादा अंक मिलते हैं तो उसकी कापी का दोबारा मूल्यांकन उसी केंद्र में होगा।

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