जांजगीर चंपा

कहीं बूंद-बूंद के लाले तो कहीं बेकार बह रहा नहर पानी

कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर करेंगे मांग

जांजगीर चंपाApr 25, 2019 / 08:58 pm

Vasudev Yadav

कहीं बूंद-बूंद के लाले तो कहीं बेकार बह रहा नहर पानी

जांजगीर-चांपा. गर्मी के सीजन में तालाब पोखरों में पानी भरने के लिए नहर से पानी छोड़ा गया है, लेकिन कई गांवों में इस नहर का पानी नहीं मिलने से लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। बताया जा रहा है कि नहर का पानी जैजैपुर ब्लाक के कई गांवों में बेकार बह रहा है तो वहीं बम्हनीडीह ब्लाक के गई गांवों में एक बंूद नहीं पहुंच रहा है। जिसके चलते लोगों में आक्रोश पनप रहा है। लोग बूंद-बूंद पानी के लिए लालाइत हैं। जहां के लोगों को पानी नहीं मिल रहा वे कलेक्टर से मिलकर नहर में पानी छोड़े जाने की मांग करने वाले हैं।
गौरतलब है कि जिले में नहर का जाल बड़ी तादात में फैला है। इस साल रवी फसल के लिए जिला मुख्यालय सहित आसपास के गांवों में नहर से पानी छोड़ा गया है। इसके अलावा बलौदा, अकलतरा जैजैपुर, डभरा सहित कई ब्लाक में नहर का पानी छोड़ा गया है। जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है। लेकिन कई ब्लाक में इसी नहर का पानी नहीं पहुंच रहा है। जिसके चलते तालाब पोखर सूखे पड़े हैं। जिससे लोगों की निस्तारी की समस्या सहित कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लखुर्री के प्रगतिशील किसान रामप्रसाद केशरवानी ने बताया कि उनके गांव में नहर का पानी आज तक नहीं पहुंच पाया है। जबकि जैजैपुर के इलाकों में नहर से पानी मिल रहा है लेकिन वहां पानी बेकार बह रहा है। जिससे किसानों में रंजिश का माहौल है। इसी तरह बम्हनीडीह ब्लाक के गौरव ग्राम अफरीद के सरपंच लता रामेश्वर सिंह राठौर ने बताया कि गांव में नहर से पानी आज तक नहीं पहुंचा है। जिसके चलते तालाब पोखर सूखे की चपेट में है। ऐसे ग्रामीणों को निस्तारी की समस्या आन पड़ी है। लोग मटमैले पानी में निस्तारी करने मजबूर हैं।

पहले फसल को दे रहे पानी
लखुर्री के किसान रामप्रकाश केशरवानी सहित आसपास के ग्रामीणों की शिकायत है कि नजर में भरपूर पानी आ रहा है लेकिन जिन किसानों ने रवी फसल के तहत धान की बोनी की है वे पानी को हेडअप कर लोक लिए हैं। जिससे तालाब भरने के लिए लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है। केशरवानी ने बताया कि आसपास के गांव औराडीह, मौहाडीह, कोन्हापाठ, भदरा, लखुर्री के किसानों ने बड़ी तादात में रवी फसल में धान की बोनी की है। जिनके द्वारा पानी को रोक दिया गया है। जिससे तालाब नहीं भरे जा रहे हैं।

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