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अब जिला अस्पताल में गंभीर मरीज नहीं होंगे रेफर, कार्डियक मॉनिटर की सुविधा शुरू

locationजांजगीर चंपाPublished: Aug 26, 2019 06:21:18 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

हार्ड के मरीजों को मिलने लगी लाभ, इमरजेंसी वार्ड में लगा मॉनिटर, जिला अस्पताल में अब इमरजेंसी वार्ड में वेंटिलेटर मशीन के बाद आया कार्डियक मॉनिटर

अब जिला अस्पताल में गंभीर मरीज नहीं होंगे रेफर, कार्डियक मॉनिटर की सुविधा शुरू

हार्ड के मरीजों को मिलने लगी लाभ, इमरजेंसी वार्ड में लगा मॉनिटर, जिला अस्पताल में अब इमरजेंसी वार्ड में वेंटिलेटर मशीन के बाद आया कार्डियक मॉनिटर

जांजगीर-चांपा. दिल की बीमारियों से पीडि़त मरीजों के लिए जिला अस्पताल प्रबंधन ने एक और राहत दी है। अब हार्ट अटैक या हार्ट से जुड़ी कसी भी बीमारी में इमरजेंसी के दौरान मरीजों को कार्डियक मॉनिटर की सुविधा भी जाएगी। इसके लिए इमरजेंसी वार्ड में कॉर्डियक मशीन लगा भी दी गई है। अब मरीजों को इसका लाभ मिलने लगा है।

जिला अस्पताल में लगातार सुविधाओं व अत्याधुनिक मशीनों से लैस होते जा रहा है। एक के बाद एक नई-नई मशीनें जिला अस्पताल पहुंच रही है। इससे अब जिले के लोगों को लाभ मिलने लगेगा। अब गंभीर मरीजों को रेफर करना नहीं पड़ेगा। यह मॉनिटर हार्ट के मरीजों की सभी धमनियों की गति का रिकार्ड रखता है। इसकी मॉनिटरिंग से मरीज की स्थिति का सही जायजा लिया जा सकता है।
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इसमें सांस, नाड़ी, हार्ट बीट की गति रिकार्ड होती है। यदि हार्ट के मरीज की हार्ट बीट या सांस की गति अधिक हो जाती है तो इस मॉनिटर में अलार्म बजना शुरू हो जाएगा और डॉक्टर भी सतर्क हो जाएंगे।
फिलहाल यहां पर सिर्फ मरीजों की जांच और मेडिसिन से होने वाले इलाज ही किए जाएंगे। इमरजेंसी वार्ड में कार्डिएक मॉनिटर लगाए जाने से मध्यम वर्ग के मरीजों के वरदान साबित होगी और समय पर उचित इलाज संभव होगी। इससे पहले डाक्टरों को सांस, नाड़ी, हार्ट बीट की गति की सही जानकारी के ईसीजी कराने की जरूरत पडऩे पर मरीजों को बाहर रेफर करना पड़ता है।
वार्ड में कार्डियक मॉनिटर उपलब्ध होने से गंभीर मरीजों को लाभ मिलेगा। इस मशीन से डॉक्टर व स्टॉफ मरीजों की गतिविधियों पर नजर रखते हैं कि मरीज का पल्स, टेंप्रेचर, धड़कन या अन्य तरह की गतिविधि किस तरह है।


हर रोज 4 से 5 मरीज होते है रेफर
जिला अस्पताल में औसतन हर रोज हार्ट अटैक सहित इमरजेंसी केस के 3 से 4 मरीज आते है। लेकिन जिला अस्पताल में जीवनरक्षक मशीन नहीं होने से ऐसे मरीजों को तत्काल बिलासपुर रेफर कर दिया जाता है। जिससे मरीज तत्काल बिलासपुर जाते है। जिसमें से अधिक मरीज समय में इलाज उपलब्ध नहीं होने के कारण रास्ते में ही दम तोड़ देते है। अब उपचार जिला अस्पताल में हो सकेगा व बीमारी का भी पता चल सकेगा।


हार्ट बीट की सही जानकारी मिल सकेगी
कई बार ईसीजी आदि संबंधित मशीनों से मरीज के हार्ट बीट की सही जानकारी नहीं मिलती। जिस कारण मरीज के असली बीमारी का पता नहीं चलता। जिसके चलते इमरजेंसी वार्ड में कार्डिएक मॉनिटर उपलब्ध करवाया गया है। इससे मरीजों को लाभ होगा।


-कार्डियक मॉनिटर इमरजेंसी वार्ड में लगाया गया है। इसमें दिल के मरीजों को लाभ मिलेगा। ऐसे मरीजों को रेफर कर दिया जाता था। इसके पहले वेंटिलेटर भी आ चुका है। जिससे अब गंभीर मरीजों का इलाज जिला अस्पताल में हो सकेगा।
-डा.बीपी कुर्रे, सीएस, जिला अस्पताल
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