मंदिर के अंदर प्रवेश के दौरान भक्तों की भीड़ बढ़़ जाती है और लोग एक-दूसरे के संपर्क में आ जाते हैं। जिसे देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। भीड़ न बढ़े कहकर मंदिर परिसर में वालिंटेयर्स मौजूद रहेंगे। मंदिर परिसर में भीड़ एकत्रित नहीं किया जाना है। ताकी धारा 144 का उल्लंघन न हो।
प्रदेश सहित जिले में धारा 144 लागू है। इसके लिए पहले से ही कलेक्टर द्वारा निर्देश दिया जा चुका है। लेकिन वर्तमान में एसडीएम जांजगीर द्वारा मंदिर प्रबंधन को निर्देशित किया जा रहा है।
कट चुक रसीद का पैसा होगा वापस
नवरात्रि प्रारंभ 25 मार्च से है। इसके लिए अधिकांश मंदिरों में तैयारी के अलवा रसीद काटने की प्रक्रिया चल रही है। बड़ी संख्या में मंदिरों में रसीद कट चुकी है। मंदिर प्रबंधन का कहना है कि जिन भक्तों का रसीद कट चुका है। उसका पैसा वापस किया जाएगा या अगले शारदीय नवरात्र में इसी राशि का कलश स्थापना किया जाएगा। पैसा वापस लेने का निर्णय भक्त पर होगा।
केवल पुजारी व बैगा को प्रवेश
हरदी महामाया मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुधराम यादव ने बताया कि प्रशासन द्वारा धारा 144 के तहत पांच या पांच से अधिक व्यक्ति इक_ा नहीं हो सकेंगे। इसका पालन महामाया मंदिर हरदी ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। एक सार्वजनिक ज्योति कलश की स्थापना की जाएगी। इसके अलावा कोई अन्य कलश प्रज्जवलित नहीं किए जाएंगे। नवरात्र के समय केवल पुजारी, बैगा व प्रबंधन के अलावा किसी भी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसके लिए मंदिर परिसर में नोटिस भी चस्पा कर दिया जाएगा।
चंद्रपुर के चंद्रहासिनी में 7 हजार ज्योति कलश होती है प्रज्जवलित
चंद्रपुर में नवरात्रि पर लगभग सात हजार ज्योति कलश हर साल प्रज्जवलित होती है। रियासत काल से यहां ज्योति कलश प्रल्ज्जवलित होती आ रही है। इस बार कोरोना के कारण ज्योति कलश प्रज्जवलित नहीं होगा।
डभरा एसडीएम एसके आंचला ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण फैलने के कारण चंद्रपुर में इस बार ज्योति कलश प्रज्जवलित नहीं होगा। इसके लिए मंदिर समिति को निर्देशित करेंगे। केवल एक कलश मां के दरबार में प्रज्जवलित कर सकते हैं। इसी तरह खोखरा के मां मनका दाई मंदिर में भी 4 से 5 हजार ज्योति कलश हर साल प्रज्जवलित की जाती है। यहां भी एसडीएम द्वारा नहीं जलाने निर्दशित किया गया है।