scriptChhattisgarh Education : 54 लाख की लागत से बने इस स्कूल बिल्डिंग की कुछ ऐसी है कहानी, पढि़ए खबर… | Chhattisgarh Education : Some such story of this school building... | Patrika News

Chhattisgarh Education : 54 लाख की लागत से बने इस स्कूल बिल्डिंग की कुछ ऐसी है कहानी, पढि़ए खबर…

locationजांजगीर चंपाPublished: Jul 26, 2019 02:08:42 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

Chhattisgarh Education : जिले के बलौदा ब्लाक के जर्वे (च) में एक ऐसी स्कूल बिल्डिंग (School Building) बनकर तैयार है जिसे देखकर लोग हैरत में है।

Chhattisgarh Education :  54 लाख की लागत से बने इस स्कूल बिल्डिंग की कुछ ऐसी कहानी, पढि़ए खबर...

Chhattisgarh Education : 54 लाख की लागत से बने इस स्कूल बिल्डिंग की कुछ ऐसी कहानी, पढि़ए खबर…

जांजगीर-चांपा. जिले में दर्जनों हायरसेकंडरी स्कूल भवन विहीन है, वहीं बलौदा ब्लाक जर्वे (च) में 54 लाख की एक ऐसी हायर सेकंडरी स्कूल बिल्डिंग (School Building) धूल फांक रही है जिसके स्कूल का पता ही नहीं है। भवन बनकर तैयार है, लेकिन उसे हैंडओवर लेने के लिए कोई तैयार नहीं है। ऐसे में भवन खंडहर में तब्दील होने जा रहा है। भवन का निर्माण डीएमएफ मद से किया गया है।
दिलचस्प बात यह है कि उक्त भवन के निर्माण के लिए डीईओ ने अनुशंसा की थी। वह भी ऐसा डीईओ जिसे शिक्षा विभाग की गतिविधि से लेना-देना नहीं है। यानी खेल अफसर को चंद दिनों के लिए प्रभारी डीईओ (DEO) बनाया गया था। उसने ऐसे गांव में स्कूल बिल्डिंग (School Building) की अनुशंसा कर दी जहां हाईस्कूल ही नहीं है। ग्रामीणों के मुताबिक भवन हायरसेकंडरी भवन के लिए है, लेकिन गांव में केवल मिडिल स्कूल तक ही शिक्षा व्यवस्था है। ऐसे में भवन की उपयोगिता ग्रामीणों को नजर नहीं आ रही है।
यह भी पढ़ें
पैरों में बंधी जंजीर से ‘गणेश’ को इंफेक्शन का खतरा, इधर हाईकोर्ट में याचिका भी लगी, पढि़ए पूरी खबर…

दरअसल शिवशंकर साहू सहित ग्रामीणों ने गांव में हायरसेकंडरी स्कूल की मांग की थी, लेकिन कलेक्टर ग्राम सुराज की मांग को देखते हुए गांव में हाईस्कूल के बजाए भवन की स्वीकृति दे दी। 54 लाख रुपए की लागत से भवन बनकर भी तैयार है। लेकिन भवन की देखरेख करने वाला कोई नहीं है।

दर्जनों स्कूल भवन विहीन
जिले में आज भी बसंतपुर, नैला सहित दर्जनों ऐसे हायरसेकंडरी स्कूल हैं जिन स्कूलों के पास खुद का भवन ही नहीं है। भवन नहीं होने से ऐसे स्कूल या तो जुगाड़ के भवन में संचालित हो रहे हैं या फिर मिडिल स्कूल भवन में। दर्जनों स्कूल भवन ऐसे हैं जो बनकर तैयार है, लेकिन कई तरह के खामियों की वजह से हैंडओवर नहीं हो पाया है। ऐसे में जर्वे च की चमचमाती स्कूल बिल्डिंग जगहंसाई का पात्र बन गया है।

नाला में दबाई गई लाश की गुत्थी सुलझी, पढि़ए इस हत्याकांड में कौन-कौन थे शामिल और कैसे दिया घटना को अंजाम

इस तरह हुई लापरवाही
वर्ष 2018 में कुछ दिनों के लिए खेल अधिकारी डीईओ (DEO) के प्रभार पर थे। खेल अधिकारी को यह भी नहीं पता था कि किस गांव में कौन सा स्कूल है। इसी दौरान कलेक्टोरेट से एक जानकारी मांगी गई कि किस गांव में स्कूल भवन की जरूरत है। डीईओ से दर्जनों स्कूलों से आंख मूंदकर स्कूलों की जानकारी भेजी गई, जिसमें जर्वे स्कूल के नाम को जोड़ दिया गया, लेकिन जर्वे में केवल मिडिल स्कूल तक शिक्षा व्यवस्था है। यहां हाईस्कूल भवन ही नहीं है।

– जर्वे (च) स्कूल में हाईस्कूल भवन बनकर तैयार है, लेकिन यहां मिडिल स्कूल तक ही शिक्षा (Education) व्यवस्था है। इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है- केएस तोमर, डीईओ

Chhattisgarh Education से जुड़ी खबरें यहां पढि़ए …
Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter और Instagram पर या ताजातरीन खबरों, Live अपडेट के लिए Download करें Patrika Hindi News App.
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो