दरअसल, शांति नगर खोखराभाठा रोड में श्रम पदाधिकारी कार्यालय के बगल में कचरे का पहाड़ हुआ करता था। मगर पिछले साल जब 22 सितंबर को देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पहली बार जिला मुख्यालय आगमन हुआ तो खोखराभाठा स्थित मैदान में उनका कार्यक्रम रखा गया। श्रम पदाधिकारी कार्यालय के पास कचरे के पहाड़ को हटाकर पार्किंग के लिए समतलीकरण कराया गया था। इसके लिए जिले के नगरीय निकायों से ट्रैक्टर, एक्सीवेटर के माध्यम से कचरे के पहाड़ को हटाकर पूरी तरह से खाली किया गया, जिससे यहां स्थित विशाल मैदान लोगों को पहली बार नजर आया था।
इसके बाद मुरुम-डस्ट पाटकर पार्किंग की व्यवस्था बनाने में हजारों खर्च किए। हालांकि प्रशासन की इस व्यवस्था से कचरे का पहाड़ खत्म हो गया और एक विशाल मैदान बन गया। जिसका उपयोग नगर सरकार चाहती तो कि किसी बड़े प्रोजेक्ट के रूप में कर सकती थी। मगर आज एक साल होने को है, वहां कोई प्रोजेक्ट तो नहीं बन सका लेकिन नगर सरकार फिर से उसे कचरे का पहाड़ बनाने में तुल गई है।
Read more : नहर में युवक की लाश मिलने से क्षेत्र में फैली सनसनी, परिजनों को हत्या की आशंका स्थान व्यवस्थित सब्जी मंडी बनाने के लिए उपयुक्त
उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों पूर्व ही नगरपालिका द्वारा शहर के अंदर लगने वाले थोक सब्जी मार्केट और मुर्गा-मछली मार्केट को खोखराभांठा स्थित कृषि मंडी परिसर में शिफ्ट कराया गया है। कृषि मंडी परिसर को अस्थायी रूप से जिला प्रशासन ने उपलब्ध कराया है मगर स्थायी व्यवस्था नहीं हो पाई है। नगर सरकार चाहती तो उक्त विशाल मैदान का उपयोग व्यवस्थित सब्जी मार्केट बनाने में कर सकती है। इसके लिए 10 लाख रुपए की स्वीकृति करने की घोषणा भी परिषद ने तत्काल कर दी थी मगर अफसर इस दिशा में ध्यान नहीं दे रहे।
सालों बाद मिली थी कचरा पहाड़ से मुक्ति
उल्लेखनीय है कि पीएम के कार्यक्रम के बाद ही सही, लोगों को सालों बाद शांतिनगर के पास हो रहे कचरा डंप से मुक्ति मिली थी। नहीं तो इस जगह का उपयोग कई सालों से नपा केवल कचरा डंप करने के लिए ही इस्तेमाल करती आ रही थी। कचरा हटाने के बाद यहां इतना बड़ा मैदान नजर आया कि लोगों को यकीन नहीं हो रहा था। मगर एक बार फिर धीरे-धीरे मैदान के किनारों में कचरे का पहाड़ बनता जा रहा है।