इस तरह करतीं हैं काम
नगर पालिका ने महिलाओं को ई रिक्शा प्रदान किया है। महिलाएं तीन-तीन लोगों का समूह बनाकर रिक्शा लेकर घर-घर में आवाज लगातीं हैं। घर के लोग अपने दोनों डस्टबिन को लेकर गीला व सूखा कचरा महिलाओं को सौंपतीं हैं। महिलाएं रिक्शा के दोनों तरह के कचरे को अलग-अलग भाग में रखतीं हैं। फिर एसएलआरएम सेंटर में डंप करतीं हैं। महिलाओं के द्वारा घर की महिलाओं को जागरूक करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लोगों को जागरूक करने के लिए स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा सह समझाइश दी जा रही है कि वे तय डस्टबिन में ही कचरे को डालें और खुले में कचरे को न फेंकें।
महिलाओं ने कहा
स्व सहायता समूह की महिलाओं ने कहा कि घर की आर्थिक स्थिति सुदृण करने के लिए पति-पत्नी दोनों का काम जरूरी हो गया है। घर में बच्चों के पढ़ाई लिखाई का खर्च व महंगाई के दौर में राशन सामान के लिए पैसे जुटाना कठिन हो गया है। जिसके चलते महिलाओं को भी पति के साथ-साथ आमदनी बढ़ाना जरूरी हो गया है। इसके चलते वे काम कर रहीं हैं। उन्होंने बताया कि रिक्शा चलाने में भी उन्हें कोई हर्ज नहीं है। महिलाओं ने बताया कि जो काम पुरूष कर सकता है वह हर महिलाएं भी कर सकतीं हैं।