बलौदा क्षेत्र के नहर के दायीं तथा बायीं तट नहर में लाईनिंग अर्थात सीमेंट कांक्रीट कार्य किया जा रहा है। निर्माण में शासन के द्वारा निर्धारित मानकों को ध्यान नहीं रखा जा रहा है। लाईनिंग करने के लिए सीमेंट, रेत व गिट्टी के मिश्रण में नाम मात्रा ही सिमेंट डाला जा रहा है।
Read more : प्रशासन का झूठा आदेश दिखाकर इस तरह लूटा जा रहा ग्रामीणों को ऐसे में गुणवत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है। ग्रामीणो का कहना कि अधिकारी कर्मचारी कभी काम को झांकने तक नहीं आते। ठेकेदार मनमानी पूर्वक काम कर रहा है। लाईनिंग कि गई दीवार को बना दुसरे दिन ढक दिया जाता है। ताकि किसी को घटिया निर्माण दिख न सके। जिसका नुकसान किसानों को होता है। अब ऐसे में किसानों के खेतों तक पानी पहुंचने में परेशानी का शामना करना पड़ेगा। नहर के बहाव में मिट्टी के कटाव के कारण जगह -जगह नहर टूट जाते हैं।
सिंचाई विभाग द्वारा नहर मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति कर औपचारिकता निभाई जाती है। मरम्मत एवं लाईनिंग के नाम पर लाखो रुपए तो खर्च किया जाता है पर गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया जाता।
जिससे कुछ ही वर्ष में मरम्मत की आवश्यकता होती है। मरम्मत का काम को देखने के लिए विभाग के सब ईजीनियर एवं विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है पर वे नदारत रहते हैं। जिसके चलते नहर लाइनिंग घटिया स्तर की बन रही है।