200 रुपए का डीडी, मिल रहा केवल 30 रुपए
कूक के लिए आवेदन करने वाले जांजगीर के आकाश थवाईत, खोखरा के विक्रम राठौर, विकास राठौर, पेण्ड्री के मुकेश कश्यप और राहुल सूर्यवंशी ने आवेदन के साथ 200-200 रुपए का बैंक डिमांड ड्राफ्ट एसबीआई जांजगीर से बनवाकर जमा किया था। कुछ दिनों पहले उन्हें पोस्ट से डीडी वापस मिला तो बैंक लेकर गए तो कर्मचारियों ने बताया कि डीडी कैङ्क्षसल कराने पर बैंक शुल्क लगेगा। 170 रुपए कटेंगे और 30 रुपए ही मिलेंगे। कुल मिलाकर यह बेरोजगारों से मजाक हो रहा है।
बेरोजगारों के लाखों रुपए हो गए बर्बाद
भले ही एक आवेदक के लिए यह सौ-दो सौ रुपए की बात हो, मगर दो हजार अभ्यर्थियो की संख्या को देखे तो यह राशि लाखों रुपए में हो रही है जो स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से बर्बाद हो गए। इधर स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा। अफसर तो यही कह रहे हैं हमनें तो डीडी लौटा दिया है। अब बैंक वाले ऐसा कर रहे हैं तो हम क्या कर सकते हैं।
आधे आवेदकों के पास अब तक डीडी नहीं पहुंची
इधर डीडी आवेदकों को वापस करने के मामले में भी स्वास्थ्य विभाग का दावा फेल साबित हो रहा है। दो से तीन हफ्ते में डीडी उनके पते पर पहुंच जाने का हवाला दिया गया था मगर महीने दिन से ज्यादा हो जाने के बाद भी सैकड़ों आवेदकों को अब तक डीडी भी नहीं मिली है।
डीडी वापस पर शुल्क लगेगा ही: ब्रांच मैनेजर
इस संबंध में एसबीआई मेन ब्रांच जांजगीर के शाखा प्रबंधक ने बताया कि डीडी कैंसल कराने पर एक निश्चित शुल्क लिए जाने का नियम है। इसी के तहत शुल्क काटा जाता है। यह शुल्क देना ही पड़ेगा।