scriptDEO Tomar jailed in 72 lakh scam case | 72 लाख का घोटाला मामले में डीईओ तोमर को जेल | Patrika News

72 लाख का घोटाला मामले में डीईओ तोमर को जेल

locationजांजगीर चंपाPublished: Feb 20, 2023 10:02:29 pm

शिक्षा के अधिकार के तहत ७२ लाख रुपए के घोटाला मामले में पूर्व डीईओ केएस तोमर को सिटी कोतवाली पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया है। उसे न्यायिक रिमांड में भेज दिया है।

72 लाख का घोटाला मामले में डीईओ तोमर को जेल
72 लाख का घोटाला मामले में डीईओ तोमर को जेल
जांजगीर-चांपा। कोतवाली पुलिस ने इससे पहले मयूरा कान्वेन्ट स्कूल बलौदा के संचालक राजेन्द्र मौर्य, शिक्षा का अधिकार खंड प्रभारी सहायक ग्रेड-2 शिवानंद राठौर तथा कम्प्यूटर आपरेटर विकास कुमार साहू को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
वित्तीय वर्ष 2019-2020 में तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी कुंजल सिंह तोमर 62 निवासी बीडी महंत उप नगर जांजगीर द्वारा वर्ष 2019-2020 में 172 निजी स्कूलों द्वारा प्रस्तुत मांग पत्र का पुष्टिकरण कर मांग राशि कुल 57090745 रुपए का भुगतान करने स्कूलवार जानकारी तैयार कर लोक शिक्षण संचानालय इंद्रावती भवन नया रायपुर को प्रेषित कर अधिक राशि का आहरण कराया गया था। उक्त मामले में मयूरा कान्वेंट स्कूल भी शामिल है जिसकी जानकारी तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी कुंजल सिंह तोमर को भी थी। विवेचना के दौरान प्रार्थी व गवाह का कथन लिया गया एवं प्रस्तुत दस्तावेजों के आधार पर के द्वारा छलपूर्वक शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत मयूरा कान्वेन्ट स्कूल बलौदा के मांग पत्रक में अंकित राशि में कांट-छांट कूटरचना कर पात्रता से अधिक राशि 72 लाख 27 हजार 690 रुपए का मांग पत्र तैयार कर स्वीकृति के लिए कार्यालय संचालक लोक शिक्षण संचालनालय इंद्रावती भवन नवा रायपुर को प्रेषित किया गया था। शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत सत्र 2019-20 में मयूरा कान्वेन्ट स्कूल बलौदा के खाता में शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत 72 लाख 27 हजार 690 रुपए का भुगतान होना पाया गया। जिस पर प्रकरण में धारा 467, 468, 471, 120 बी भादवि जोड़ी गई। आरोपी को गिरफ्तार करने में निरीक्षक लखेश केंवट उप निरी. बद्री प्रसाद तिवारी, सउनि लम्बोदर सिंह, आरक्षक हेमंत राठौर एवं सुनील सूर्यवंशी का योगदान रहा।
पत्रिका ने पहले की बता दी थी कहानी
पत्रिका ने १७ फरवरी २०२३ के अंक में इस मुद्दे को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसके बाद पुलिस ने उसकी तलाश शुरू कर दी थी। बावजूद डीईओ अपने आप को पाक साफ मानते हुए मेरा कोई बाल बांका नहीं कर सकता कहकर लोगों को धौंस देता था। इतना ही नहीं वह निलंबन काल में घर में दुकान खोलकर बैठा रहता था। आखिरकार वह पुलिस के चंगुल में फंस ही गया।
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