लाखों खर्च होने के बावजूद आए दिन सड़कों पर अंधेरा
जिला मुख्यालय की सड़कों को रोशन करने लाखों-करोड़ों रुपए खर्च कर लगाए गए स्ट्रीट लाइट के बावजूद सड़कों पर अंधेरा नजर आता है क्योंकि आए दिन किसी न किसी मार्ग का स्ट्रीट लाइट नहीं जलती। जिसके चलते रात के दौरान वाहन चालक कई बार हादसों का शिकार हो जाते हैं कई बार होते-होते बचते हैं।
जांजगीर चंपा
Updated: April 16, 2022 09:49:46 pm
जांजगीर-चांपा. पिछले चार-पांच दिनों से केरा रोड में आयुर्वेदिक औषधालय से लेकर चर्च तक सड़क पर अंधेरा छाया हुआ है क्योंकि स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी है।
इसके चलते इन चार-पांच दिनों में कई बार वाहन चालक छोटे-मोटे हादसो का शिकार भी हो गए हैं। क्योंकि यह सड़क रात होते ही गौठान में तब्दील हो जाता है। सड़क पर सैकड़ों आवारा मवेशी बैठे रहते हैं और ऐसे में स्ट्रीट लाइट बंद होने से इन मवेशियों से वाहन चालक टकराते हैं। क्योंकि लाइट बंद होने से पूरी सड़क अंधेरे में इस तरह डूब जाती है कि कुछ भी नजर नहीं आता। विडंबना है कि चार से पांच दिनों तक सड़क बत्ती बंद रहती है और यह स्थिति न तो पालिका के जिम्मेदारों जनप्रतिनिधियों को नजर आती है और न ही नपा के जिम्मेदार अधिकारियों को। इस तरह का नजारा आए दिन जिला मुख्यालय की सड़कों पर नजर आ जाता है। इसके लिए कभी टेक्निकल फाल्ट बताया जाता है तो कभी केबल पुरानी होने का हवाला देकर ऐसी स्थिति बनने की बात कही जाती है। नहीं तो आंधी-तूफान आने का बहाना मिल जाता है।
जहां जलती है वहां दिन भी कोई बुझाने वाला नहीं होता
इसे विडंबना ही कहे जहां सड़क बत्ती जलती है वहां दिन में कोई बुझाने वाला नहीं होता। दिन-रात लाइट जलती रहती है। वहीं कहीं अगर सड़क बत्ती बुझ जा रही है तो चार-पांच दिनों तक इस ओर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। जबकि जांजगीर-केरा रोड शहर का मुख्य मार्ग है। दिनभर इसमें आवाजाही लगी रहती है। इसी तरह विवेकानंद मार्ग, शारदा चौक, नैला रेलवे स्टेशन मार्ग में भी कई बार आधे स्ट्रीट लाइट जलते हैं तो आधे बंद नजर आते हैं।
करोड़ों खर्च कर लगाए गए हैं मगर मेंटनेंस भगवान भरोसे
उल्लेखनीय है कि शहर के प्रमुख मार्गों में बीजेपी शासन के द्वारा नगरीय प्रशासन द्वारा एलईटी लाइट लगावाया गया था। जिसमें लगाने वाली कंपनी के साथ करार था कि सात साल तक मेंटनेंस भी वहीं करेगी। ऐसे में मेंटनेंस भगवान भरोसे चल रहा है। नपा के अफसरों की माने तो कंपनी के कर्मचारी कभी-कभार आते हैं। ऐसे में तब तक पालिका में खराब लाइट का अंबार लग जाता है। जब कंपनी से नई लाइट मिलती है तब जाकर लाइट बदलता है।
वर्जन
केबल में कुछ तकनीकी समस्या आने से स्ट्रीट लाइट बंद हो जाती थी। अंडरग्राउंड केबल होने की वजह से फाल्ट पकड़ में नहीं आ पा रहा था। अब केबल को दुरस्त कर लिया गया है। लाइट जलने लगी है।
चंदन शर्मा, सीएमओ

लाखों खर्च होने के बावजूद आए दिन सड़कों पर अंधेरा
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