करोड़ों के विकास कार्यों पर सालों से लगा ग्रहण
जांजगीर चंपाPublished: Aug 05, 2022 07:57:59 pm
जिला मुख्यालय जांजगीर में करोड़ों के विकास कार्य सालों से अधूरे पड़े हैं। विडंबना है कि पीडब्ल्यूडी विभाग जिला मुख्यालय में निर्माण कार्यों को पूरा नहीं करा पा रहा है। जिला पंचायत के बगल में ऑडिटोरियम चार साल बाद भी अधूरा पड़ा है। जबकि निर्माण में चार करोड़ से ज्यादा खर्च हो गए हैं।
करोड़ों के विकास कार्यों पर सालों से लगा ग्रहण
जांजगीर-चांपा. इसी तरह तिलई में जिला परिवहन विभाग का नया दफ्तर बनना है। इसके लिए शासन ने १ करोड़ ७५ लाख रुपए की राशि भी मिल चुकी है लेकिन छह माह बाद भी विभाग टेंडर में ही उलझा हुआ है। वहीं संग्रहालय भवन को फिर से नए सिरे से रिनोवेशन कराया गया है। इसमें करीब ३० लाख रुपए फिर से दोबारा खर्च कर दिए गए। लेकिन इसके बाद भी संग्रहालय आज तक नहीं खुल पाया। नया काम भी अब खंडहर में तब्दील होते नजर आ रहा है। कुल मिलाकर शासन के लाखों-करोड़ों रुपए खर्च हो गए लेकिन लाभ आज तक नहीं मिल पाया।
५०० सीटर आडिटोरियम
जिपं के बगल में ५०० सीटर आडिटोरियम बन रहा है। चार साल से ज्यादा होने वाले हैं लेकिन काम आज तक अधूरा ही पड़ा है। तात्कालिन कलेक्टर जितेन्द्र शुक्ला ने यहां सामने खाली जगह पर गार्डन समेत अन्य सुविधाएं बढ़ाने ७.५ करोड़ का रिवाइज स्टीमेट बनाने भी कहा था जिसे आज तक स्वीकृति नहीं मिली। जिससे गार्डन बनना तो दूर की कौड़ी है, आडिटोरियम ही बन जाएगा यह बड़ी बात होगी।
तिलई में १.७५ करोड़ का डीटीओ कार्यालय
जिला परिवहन कार्यालय ग्राम तिलई में शिफ्ट होना है। यहां करीब ८ एकड़ जमीन विभाग को आवंटित हुई है। सबसे पहले यहां विभाग का दफ्तर बनाने शासन ने छह-सात पहले ही १ करोड़ ७५ लाख रुपए दे दिए हैं। मगर आज तक विभाग इसके लिए टेंडर ही निकाल रहा है। जबकि सही तरीके से काम करते तो आज तक आधी बिल्डिंग बन चुकी होती।
संग्रहालय में फिर से फूंके लाखों
कलेक्टोरेट मार्ग में जिला उपभोक्ता आयोग के आगे पुरातत्व विभाग का संग्रहालय भवन बना है। भवन बने तो एक दशक से ज्यादा का समय हो चुका है लेकिन डिजाइन में गलती बताकर पिछले साल फिर से नए सिरे से निर्माण कराया गया है। करीब २९ से ३० लाख रुपए फिर से खर्च हुए मगर विडंबना है कि इसके बाद फिर से खंडहर बनने छोड़ दिया। विभाग का कहना है कि हैंडओवर होने के बाद जिम्मेदारी संबधित विभाग की है।
वर्जन
ऑडिटोरियम का सिविल का काम पूर्ण हो चुका है। बिजली का काम ही बाकी है जो दूसरे विभाग के द्वारा होना है। गार्डनिंग समेत अन्य काम का स्टीमेट अब तक मंजूर नहीं हुआ है। डीटीओ कार्यालय के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। जल्द ही एग्रीमेंट के बाद निर्माण शुरु हो जाएगा। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद संबंधित विभाग को हैंडओवर कर दिया जाता है। इसके बाद उनकी जिम्मेदारी होती है।
एमके साहू, एसडीओ पीडब्ल्यूडी जांजगीर