scriptजांजगीर में फैला डायरिया का प्रकोप, अस्पताल में बढ़ रहे मरीज, रहें सावधान | Diarrhea gave the knock in the city | Patrika News

जांजगीर में फैला डायरिया का प्रकोप, अस्पताल में बढ़ रहे मरीज, रहें सावधान

locationजांजगीर चंपाPublished: May 17, 2019 02:09:52 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

मौसम बदलते ही जांजगीर में डायरिया (Diarrhoea) का प्रकोप बढ़ गया। अस्पतालों में मरीजों की संख्या रोजाना बढती जा रही है।
Diarrhea in Summer, Seasonal disseases

शहर में डायरिया ने दी दस्तक, जिला अस्पताल में इतने मरीज भर्ती

शहर में डायरिया ने दी दस्तक, जिला अस्पताल में इतने मरीज भर्ती

जांजगीर-चांपा. गर्मी बढ़ते ही शहर में डायरिया (Diarrhoea) ने दस्तक दे दी है। डायरिया का प्रमुख कारण मौसम परिवर्तन व दूषित पानी का उपयोग करना है। अभी जिला चिकित्सालय में डायरिया के 5 मरीज भर्ती हैं। इसके अलावा सप्ताह भर में 30 से ज्यादा मरीज पहुंच चुके हैं। इसके अलावा सर्दी, खांसी व बुखार (seasonal diseases) के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही। मौसम में आ रहे बदलाव का सेहत पर विपरीत असर पड़ रहा है। जिला चिकित्सयालय व निजी नर्सिंग होम (hospitals) में बुखार सहित उल्टी दस्त के मरीज पहुंच रहे हैं।
गर्मी ने अप्रैल के बाद मई लगते ही अपना तेवर दिखाना शुरू कर दिया है और दोपहर में गर्म हवा भी चलने लगी है। इसके साथ ही एक-दो दिन के अंतराल में हो रही बूंदाबांदी से कुछ घंटों के लिए वातावरण में ठंडक भी घुल रही है। ऐसे सर्द-गर्म मौसम के हिसाब से लोग अपने आप को ढाल नहीं पा रहे हैं, जिससे सेहत पर असर पडऩे लगा है। लोगों में बुखार, उल्टी दस्त, बदहजमी सहित कई तरह की शिकायत शुरू हो गई है। सरकारी अस्पताल के अलावा निजी नर्सिंग होम में भी सर्दी, बुखार, उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जिला चिकित्सालय के महिला व पुरूष वाले दो वार्ड ऐसे ही मरीजों से भरे हुए हैं। अब डायरिया की भी दस्तक हो चुकी है। डायरिया की चपेट में आए जांजगीर के वार्ड 21 शांतिनगर निवासी सोहानीम सारथी और वार्ड 9 की ममता शर्मा के अलावा शहर के चंद्रेश कुमार और रूपेश कुमार अभी अस्पताल में भर्ती हैं।
यह भी पढ़ें
तेज रफ्तार कार जब मालगाड़ी से जा टकराई, फिर…

स्वास्थ्य विभाग (health department) के कर्मचारियों को सप्ताह भर में 30 से ज्यादा डायरिया के लक्षण (symptoms of diarrhoea) मिले हैं। मरीजों का कहना है कि शादी से लौटकर आने के बाद उल्टी दस्त शुरू हो रहा। ग्लूकोज का बाटल लगने के बाद अब उसके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि बाटल लगाने के बाद उल्टी व दस्त के मरीजों को छुट्टी दे दी जा रही हैं। इसके अलावा वर्तमान में अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ी हुई हैं।

डायरिया के लक्षण
यदि बच्चों को दिन में तीन बार से ज्यादा उल्टी दस्त रही है और वह पतली है तो समझ लें कि उसे डायरिया हो गया है। बार-बार उल्टी आना भी डायरिया का ही एक लक्षण हैं। इसके लिए तुरंत ही बच्चों को डाक्टर को दिखाएं। डाक्टरों का कहना है कि इस मौसम में बच्चों को डायरिया फैलने की ज्यादा संभावना होती हैं।

दूषित पानी भी एक प्रमुख कारण
चिकित्सकों के अनुसार डायरिया का प्रमुख कारण दूषित पानी पीना है। शहर में कई वार्डो में पाइप नाली के अंदर से गुजरे हुए हैं। इसे व्यवस्थित करने के लिए अब तक पालिका इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। इसके अलावा हैण्डपंप में क्लोरिन अब तक नहीं डाला गया है। जिससे लोग दूषित पानी पीने मजबूर हैं। इसके अलावा टंकी का सफाई भी नहीं होना प्रमुख कारण है।

क्या कहतें हैं डॉक्टर
सीएमएचओ डा. वी के अग्रवाल (government doctor) का मानना है कि इन दिनों मौसम में बदलाव के बाद वर्तमान में भीषण गर्मी के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर (adversely affecting health) पड़ रहा है। बदलते मौसम (change in weather conditions) में बीमारी की संभावना अधिक रहती है। लोगों को ऐसे मौसम से सावधान रहने की जरूर है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो