जिले में धान की बंपर खेती हुई है, लेकिन धान की देखरेख करने में मार्कफेड अक्षम साबित हो रहा है। जिले में इस साल रिकार्ड 75 लाख 73 हजार क्विंटल धान की खरीदी हुई है। इतने धान को दो भागों में बांटा गया है। एक भाग में राइस मिलों ३६ लाख क्विंटल धान को दिया गया है तो वहीं दूसरा भाग 39 लाख क्विंटल धान को जिले के पांच संग्रहण केंद्रों में रखा गया है। धान का उठाव अब तक हो जाना था, लेकिन मार्कफेड इसके लिए गंभीर दिखाई नहीं दे रहा।
जानकारों के मुताबिक होना यह था की बारिश पूर्व धान सभी केंद्रों से उठ जाना था। लेकिन विभागीय अधिकारी सिस्टम से काम नहीं कर रहे हैं। जिसका खामियाजा शासन को भुगतना पड़ेगा। यानी कुछ दिन बाद बारिश होगी और धान भीग जाएंगे इससे शासन को अरबों का नुकसान होगा।