पूरे प्रदेश में दवा का टोटा
उल्लेखनीय है कि जिला समेत पूरे प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पिछले तीन-चार महीनों से सीजीएमएससी से एंटी रैबिज इंजेक्शन की सप्लाई नहीं हो रही है। सरकारी अस्पताल प्रबंधन लोकल पर्चेच पर जहां से दवा मिल जा रहा है, खरीदकर किसी तरह व्यवस्था बना रहे हैं। इस चक्कर में डॉग बाइट के शिकार हुए लोगों को काफी परेशान होना पड़ रहा है क्योंकि सरकारी अस्पतालों के अलावा प्राइवेट मेडिकल शॉपों में दवा का शार्टेज हो गया है। सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में मिलने वाली दवा के लिए मरीजों को साढ़े तीन सौ से पांच सौ रुपए तक खर्च करना पड़ रहा है।
रायपुर-बिलासपुर से ले-देकर पहुंची 120 दवा
जिला अस्पताल जांजगीर में बिलासपुर-रायपुर तक से एंटी रैबिज इंजेक्शन मंगाना पड़ रहा है। वहां भी एक बार में ४० से ५० के करीब ही दवा का स्टॉक मिल रहा है। अस्पताल प्रबंधन को गुरूवार को २० तो शुक्रवार को ५० और शनिवार को ५० दवा का स्टाक मिला। इसमें से २० इंजेक्शन शनिवार को ही खत्म हो गए। हालात को देखते हुए बचे १०० डोज ही आठ-दस दिन ही चलेंगे। इसके बाद फिर शार्टेज हो जाएगा।