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डॉग बाइट : दवा का इतना शार्टेज कि मासूम को इंजेक्शन लगाने लिए पिता भटगांव से पहुंचा जांजगीर

locationजांजगीर चंपाPublished: May 19, 2019 01:49:32 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

जिला अस्पताल में रायपुर-बिलासपुर से ले-देकर पहुंचा 120 इंजेक्शन, दस दिन ही चलेंगे

डॉग बाइट : दवा का इतना शार्टेज कि मासूम को इंजेक्शन लगाने लिए पिता भटगांव से पहुंचा जांजगीर

डॉग बाइट : दवा का इतना शार्टेज कि मासूम को इंजेक्शन लगाने लिए पिता भटगांव से पहुंचा जांजगीर

जांजगीर-चांपा. एंटी रैबिज इंजेक्शन का शार्टेज पूरे प्रदेश में चल रहा है। हालात तो यह है कि सरकारी अस्पतालों में ही नहीं बल्कि प्राइवेट मेडिकल शॉपों में एंटी रैबिज इंजेक्शन नहीं मिल पा रहा। स्थिति यह हो गई कि मरीजों को ५०-६० किमी तक का सफर करना पड़ रहा है। डॉग बाइट के शिकार हुए मरीजों को भटकना पड़ रहा है। ऐसे ही सात साल के मासूम का इलाज कराने के लिए परिजन दवा ढूंढते-ढूंढते जिला अस्पताल तक पहुंच गए। यहां आकर मासूम को इंजेक्शन लगा और परिजन ने राहत की सांस ली।
भटगांव के ग्राम खेदापाली के रहने वाले मिथलेश पिता संतराम सिदार (७ साल) को कुत्ते ने काट लिया था। परिजन मिथलेश को लेकर गांव के अस्पताल में पहुंचे लेकिन दवा नहीं मिली तो मेडिकल स्टोर्स में पता किया। ले-देकर एक डोज लगा। इसके बाद दूसरे डोज के लिए फिर दवा नहीं मिली तो परिजन हलाकान हो गए। कहीं पता नहीं चलने पर ढूंढते-ढूंढते आखिरकार जिला अस्पताल जांजगीर पहुंच गए। शाम के समय मिथलेश को लेकर परिजन यहां पहुंचे तो डॉ. एके जगत ने बच्चे का इलाज किया। बच्चे को एंटी रैबिज का इंजेक्शन लगाया गया जिसके बाद परिजन ने राहत की सांस ली। वो तो शुक्र है कि जिला अस्पताल में एक दिन पहले ही दवा आई थी नहीं तो यहां भी परिजनों को निराशा हाथ लगती। क्योंकि जिला अस्पताल में भी दवा का स्टाक खत्म हो चुका था और यहां आने वाले मरीजों को ही प्रबंधन दवा नहीं उपलब्ध करा पा रहा था।

पूरे प्रदेश में दवा का टोटा
उल्लेखनीय है कि जिला समेत पूरे प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पिछले तीन-चार महीनों से सीजीएमएससी से एंटी रैबिज इंजेक्शन की सप्लाई नहीं हो रही है। सरकारी अस्पताल प्रबंधन लोकल पर्चेच पर जहां से दवा मिल जा रहा है, खरीदकर किसी तरह व्यवस्था बना रहे हैं। इस चक्कर में डॉग बाइट के शिकार हुए लोगों को काफी परेशान होना पड़ रहा है क्योंकि सरकारी अस्पतालों के अलावा प्राइवेट मेडिकल शॉपों में दवा का शार्टेज हो गया है। सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में मिलने वाली दवा के लिए मरीजों को साढ़े तीन सौ से पांच सौ रुपए तक खर्च करना पड़ रहा है।

रायपुर-बिलासपुर से ले-देकर पहुंची 120 दवा
जिला अस्पताल जांजगीर में बिलासपुर-रायपुर तक से एंटी रैबिज इंजेक्शन मंगाना पड़ रहा है। वहां भी एक बार में ४० से ५० के करीब ही दवा का स्टॉक मिल रहा है। अस्पताल प्रबंधन को गुरूवार को २० तो शुक्रवार को ५० और शनिवार को ५० दवा का स्टाक मिला। इसमें से २० इंजेक्शन शनिवार को ही खत्म हो गए। हालात को देखते हुए बचे १०० डोज ही आठ-दस दिन ही चलेंगे। इसके बाद फिर शार्टेज हो जाएगा।

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