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फर्जीवाड़ा कर मड़वा पावर प्लांट में कर रहा था नौकरी, आरोपों में घिरे एसडीएम पढ़िए पूरी खबर…

locationजांजगीर चंपाPublished: Sep 11, 2019 06:55:06 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

Fraud in the Madwa power plant : पीडि़त पक्ष आरोप लगाते हुए 8 माह से दफ्तरों का लगा रहा चक्कर, नहीं हो रही सुनवाई

मड़वा पावर प्लांट में फर्जीवाड़ा कर रहा नौकरी, एसडीएम द्वारा सौंपा गया गलत जांच रिपोर्ट पढ़िए पूरी खबर...

फर्जीवाड़ा कर मड़वा पावर प्लांट में कर रहा था नौकरी, आरोपों में घिरे एसडीएम पढ़िए पूरी खबर…

जांजगीर-चांपा. मड़वा पावर प्लांट में जमीन के कागजात में कूटरचना व फर्जी हस्ताक्षर कर नौकरी लगाने का मामला सामने आया है। भूमि के वास्तविक स्वामी ने अपने ही रिश्तेदार के ऊपर आरोप लगाते हुए बंटवारे की जमीन में कूटरचना कर नौकरी लगाई है। इसकी शिकायत थाना, एसडीएम व मड़वा प्रबंधन को करने के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है। पीडि़त पक्ष 8 माह से दफ्तरों का चक्कर काट रहा है। वर्तमान में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर फर्जी हस्ताक्षर को हैंड राइटिंग एक्सपर्ट से जांच कराने की मांग की है।
नैला चौकी अंतर्गत कन्हाईबंद निवासी अमृत लाल कश्यप (68) ने कलेक्टर को सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि उसका जमीन मड़वा रेलवे निर्माण के लिए अधिग्रहण किया गया है। जिसमें उसका पोता राहुल पिता जीवन लाल को लाइन परिचालक क नौकरी के लिए सभी दस्तावेज प्रस्तुत किया गया था और खातेदार द्वारा हस्ताक्षर भी किया गया हैं। उसी खाते में ज्योति प्रकाश पिता पवन कुमार द्वारा खातेदार के नाम पर फर्जी हस्ताक्षर कर आवेदन दिया गया था। ज्योति प्रकाश को मड़वा प्रबंधन द्वारा लाइन परिचालक पद पर नौकरी दे दिया गया और उसका नियुक्ति राजनांदगांव में लाइनमेन पर तत्काल प्रभाव से कर भी दिया गया। जानकारी होने पर अमृत लाल द्वारा मड़वा प्लांट, सीएसपीडीसीएल राजनांदगांव व एसडीएम कार्यालय जांजगीर में शिकायत किया गया। उसके बावजूद भी कोई कार्रवाई आज तक नहीं किया गया है। जिससे अमृत लाल व उसका पोता राहुल आफिस का चक्कर काटने मजबूर है। अमृत लाल कश्यप का कहना है कि फर्जी हस्ताक्षर कर दूसरे व्यक्ति द्वारा नौकरी किया जा रहा है। संबंधित व्यक्ति पर कार्रवाई किया जाए। उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर हैंड राइटिंग एक्सपर्ट से जांच कराने की मांग की है।

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एसडीएम द्वारा सौंपा गया गलत जांच रिपोर्ट
कलेक्टर को सौंपे शिकायत में अमृत लाल कश्यप ने आरोप लगाते हुए बताया कि सीएसपीडीसीएल राजनांदगांव व मड़वा प्लांट में शिकायत के बाद जांच के लिए एसडीएम कार्यालय को भेजा गया था। जिस पर एसडीएम द्वारा दोनो पक्ष को बुलाकर पंचनामा तैयार किया गया। इसके बाद एसडीएम ने नामांकन फार्म में धोखे से खातेदार से हस्ताक्षर कराया गया है कहकर जांच रिपोर्ट भेज दिया गया है। जबकि खातेदार अमृत लाल कश्यप का कहना है कि हस्ताक्षर करने की बात मेरे द्वारा कहा ही नहीं गया है।

कर रहे हीला हवाला
मड़वा प्लांट के मैनेजरों द्वारा इस संबंध में हीला हवाला दिया जा रहा है। पीडि़त परिवार अमृत लाल कश्यप का कहना है कि जब तक उनका पोता का नौकरी नहीं लगेगी। तब तक वह लड़ता रहेगा। सुनवाई नहीं होने पर वह कोर्ट का दरवाजा तक खटखटाएगा।

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