मार्च और अप्रैल माह में भी विभाग की वसूली न हो पाने से बकाया राशि 140 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है। इसमें 40 करोड़ रुपए शासकीय विभागों के भी है। वहीं 100 करोड़ उपभोक्ताओं पर बकाया है, जिनसे वसूली करने में विभाग पीछे हैं। दरअसल एक तरफ लॉकडाउन के चलते विभाग में बिजली बिल की राशि का भुगतान पेंडिंग है, दूसरी ओर निजी उपभोक्ताओं द्वारा बिजली बिल का भुगतान करने में कोताही बरती जा रही है।
ऐसे में विभाग के अधिकारी उपभोक्ताओं से भुगतान करने की अपील कर रहे हैं। साथ ही ऑनलाइन पेमेंट, एटीपी, चेक आदि से भुगतान के लिए पे्ररित भी किया जा रहा है जिसके बाद मई माह में अच्छा रिस्पांस मिलने की बात अधिकारी कर रहे हैं मगर फिर भी औसत वसूली के आंकड़ों तक पहुंचने में अफसरों को काफी मेहनत करनी पड़ेगी।
भुगतान में सरकारी कार्यालय भी पीछे
बकायादारों की सूची में सरकारी कार्यालयों के नाम भी शामिल हैं। नगरीय निकायों के ऊपर सबसे ज्यादा बकाया है। इसी तरह ग्राम पंचायतों से भी बड़ी राशि विभाग को मिलनी है मगर लॉकडाउन के चलते भुगतान नहीं आ रहा है। हर बार वित्तीय साल के अंतिम महीने यानी मार्च में सरकारी भुगतान होता था मगर इस बार कोरोना के कारण अब सरकारी कार्यालयों से बिजली बिल भुगतान जल्दी मिलने की स्थिति नहीं दिख रही।
लॉकडाउन के चलते लाइन काटने की कार्रवाई बंद करनी पड़ी है। भुगतान के लिए उपभोक्ताओं से अपील कर रहे हैं, आनलाइन पेमेंट कर सकते हैं। साथ ही अब सारे कलेक्शन सेंटर भी शुरु हो गए हैं। भुगतान के लिए अभी गांव-गांव में कैंप भी लगा रहे हैं जिसका अच्छा रिस्पांस मिल रहा है।
-मनीष तनेजा, एसई सीएसपीडीसीएल जांजगीर-चांपा