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तालाब को पाटकर बनाया जा रहा मकान, कार्रवाई करने से जिम्मेदार अफसरों के कांप रहे हाथ

locationजांजगीर चंपाPublished: Mar 17, 2019 01:52:28 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

– तालाबों के अस्तित्व पर मंडरा रहा खतरा

तालाब को पाटकर बनाया जा रहा मकान, कार्रवाई करने से जिम्मेदार अफसरों के कांप रहे हाथ

तालाब को पाटकर बनाया जा रहा मकान, कार्रवाई करने से जिम्मेदार अफसरों के कांप रहे हाथ

शिवरीनारायण. आदर्श ग्राम पंचायत केरा में अतिक्रमणकारियों द्वारा निस्तारी तालाब को भी नहीं छोड़ा जा रहा। तालाब को पाटकर बेजाकब्जा किया जा रहा है। तालाब में कब्जा होने से ग्रामीणों को निस्तार के लिए जूझना पड़ रहा है। वहीं पंचायत के जिम्मेदार कार्रवाई करने के बाद हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।
गांव के कुछ जनप्रतिनिधि ही खुद कब्जा कराने में लगे हैं जिससे निस्तारी के तालाबों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। गांव में स्ािित तालाबों के पार पर अतिक्रमणकरियो ंने पहले से ही कब्जा कर मकान बना रखा है और अब तालाब के पानी को सुखाकर तालाब को पाट कर अपना मकान बनाने की तैयारी करने लगे हंै।
शासन स्तर पर हर साल लाखों रुपये तालाबों के संरक्षण एवं सवर्धन के लिए खर्च कर दिए जाते हैं ताकि तालाबो को सहेजा जा सके, लेकिन इसके विपरीत ग्राम पंचायत केरा में तालाबों पर कब्जा जनप्रतिनिधियों की कार्य शैली पर सवाल खड़ा कर रहा है।
गांव के तालाबो पर हो रहे अतिक्रमण की जानकारी ग्रामीणों द्वारा जिला स्तर के अधिकारियों को देने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने से अतिक्रमण करने वाले के हौसले बुलंद हो रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जिस तरह से तालाबों पर अतिक्रमण बढ़ रहा है, उसे देखते हुए आने वाले कुछ साल बाद गांव में तालाबों का नामोनशिान मिट जाएगा। आदर्श ग्राम पंचायत केरा में आधा दर्जन से अधिक तालाब स्थित है जिसमे एक-दो तालाब को छोडक़र बाकी तालाबों के पार पर गांव के ही लोगों ने मकान बना कर रहना शुरू कर दिया है।
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कुछ लोगों ने तो तालाब की पचरी व तालाब को ही पाट कर अपना आशियाना बना लिया है। जिस पर न तो ग्राम पंचायत के जिम्मेदार कोई कार्रवाई कर रहे हैं और न ही प्रशासनिक अधिकारी ही ध्यान दे रहे हैं। जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की लापरवाही के कारण गांव के लोग दिन ब दिन तालाबों पर अवैध कब्जा करने लगे है। तालाबो पर हो रहे अतिक्रमण की शिकायत के बाद भी कार्रवाई के नही होने से ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है। जल्द ही इस दिशा में उचित कदम नहीं उठाया गया तो वो दिन दूर नहीं जब गांव में एक भी निस्तारी तालाब बचेगा।

तालाबों में पहुंच रहा घरों का गंदा पानी
गांव के तालाबो में लोग घरों से निकलने वाले गंदे पानी को तालाब में ही छोड़ रहे हंै। जिसके कारण तालाबों का पानी प्रदूषित हो रहा है। तालाबो में पहुच रहे दूषित जल के कारण लोगो को तालाबो में इस्तेमाल करने के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रसित हो रहे है। तालाब में हो रही गंदगी के कारण पानी मे रह रहे जलीय जीवों के जीवन पर भी संकट मंडरा रहा है। गांव की मूलभूत समस्या के निदान के लिए ग्राम पंचायत के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई पहल नही की जा रही है, जिसके कारण कभी गांव की पहचान रहे तालाब अब अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं।

तालाबों को सहेजने नहीं कोई कार्ययोजना
गांव के तालाबों पर अतिक्रमण से अस्तित्व पर ही खतरा मंडरा रहा है। इसके बाद भी ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधि इसे रोक पाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। गांव के कुछ लोगों द्वारा तालाबों पर अतिक्रमण करने की घटना को रोकने की जगह और अन्य लोगों को जनप्रतिनिधियों द्वारा ही अतिक्रमण करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। जिसके कारण बड़ी संख्या में तालाबों पर अतिक्रमण किया जा रहा है। ग्राम पंचायत के जिम्मेदारो के पास तालाबों को बचाने कोई योजना भी नहीं है।

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