जानकारी के मुताबिक पीडि़त बसंत कुमार बांधे ग्राम केंवट नवागांव अर्जुंदा का रहने वाला है। वह माना में इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के साथ ही रायपुर स्थित एक कंपनी में पार्ट टाइम जॉब करता है। लगभग एक माह पहले 19 नवंबर 2019 की शाम 6.45 बजे बसंत अपने भाई गोविंद के साथ स्कूटर से माना की तरफ जा रहा था। पीटीएस चौक माना के पास गोविंद स्कूटर खड़ा कर पेशाब करने चला गया। बसंत स्कूटर लिए सड़क किनारे ही खड़ा था। इसी दौरान तेर रफ्तार लाल रंग की क्रिएटा गाड़ी सीजी 04 एमएफ 6111 स्कूटी को जोरदार टक्कर मारी। इसमें बसंत का पैट टूटने के साथ उसके सिर, सीने और कई अन्य जगह गहरी चोट आई, साथ ही स्कूटर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। दुर्घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने घायल को इलाज के लिए मेकाहारा पहुंचाया। बसंत के कोमा में जाने के चलते उसे अनंत साईं अस्पताल तेलीबांधा में भर्ती कराया गया। फिलहाल बसंत खतरे से बाहर है, लेकिन एक माह तक इलाज में लाखों रुपए खर्च हो गए हैं। उसके माता पिता कर्ज में डूब गए हैं, उन्होंने मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई है। इतनी बड़ी दुर्घटना के मामले में पुलिस द्वारा एक माह बाद कार्रवाई करना कई सवाल खड़े कर रही है।
समाज कल्याण विभाग के उप सचिव के बेटे पर दुर्घटना करने का आरोप पीडि़त बसंत का आरोप है कि गाड़ी समाज कल्याण विभाग में उप सचिव के पद पर पदस्थ राजेश तिवारी के बेटे प्रथम तिवारी की है। दुर्घटना के दौरान वही गाड़ी भी चला रहा था। ऐसा उन्हें दुर्घटना स्थल पर मौजूद लोगों ने बताया है। वहीं इस बारे में जब राजेश तिवारी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिस गाड़ी से दुर्घटना हुई है वह उनके बेटे के नाम पर है, लेकिन दुर्घटना के समय गाड़ी उनका ड्राइवर चला रहा था। उनका आरोप है कि पीडि़त पक्ष उन पर गलत दबाव बना रहा इसलिए वह अब कोर्ट के निर्णय को ही मान्य करेंगे।
वर्जन- पुलिस ने गुरुवार को गाड़ी को जब्त कर आरोपी चालक को गिरफ्तार कर लिया है। रही बात पीडि़त के बयान की तो वह दुर्घटना के समय ले लिया गया था। उसने बयान में हस्ताक्षर भी किया है। पीडि़त पक्ष के गाड़ी की जब्ती नहीं की जाती है, इसलिए दुर्घटना का मामला दर्ज करने के बाद पीडि़त के स्कूटर को छोड़ दिया गया था।
-दुर्गेश रावटे, थाना प्रभारी, माना थाना