scriptविज्ञापन जारी किए बिना ही आंगनबाड़ी में भर्ती, आवेदकों को नहीं दे रहे पावती | Fake requirement in Anganwadi in janjgir champa district | Patrika News

विज्ञापन जारी किए बिना ही आंगनबाड़ी में भर्ती, आवेदकों को नहीं दे रहे पावती

locationजांजगीर चंपाPublished: Feb 25, 2019 10:01:38 pm

जबकि नियम के मुताबिक भर्ती प्रक्रिया में पेपर में विज्ञापन निकालना जरूरी है।

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विज्ञापन जारी किए बिना ही आंगनबाड़ी में भर्ती, आवेदकों को नहीं दे रहे पावती

बम्हनीडीह। बम्हनीडीह ब्लॉक में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी में कार्यकर्ता व सहायिका के रिक्त 27 पदों में भर्ती किया जाना है। इसके लिए विभागीय अधिकारियों ने न तो किसी तरह का विज्ञापन जारी किया गया है और न ही इसके लिए गांव में मुनादी कराई गई है। परियोजना कार्यालय में रिक्त पदों की सूची चस्पा कर दी गई है और गुपचुप तरीके से भर्ती करने की प्लानिंग की जा रही है। इसके पीछे जनपद पंचायत के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व परियोजना अधिकारियों का हाथ बताया जा रहा है। अखबार में विज्ञापन जारी नहीं करने की पुष्टि परियोजना अधिकारी ने खुद की है। जबकि नियम के मुताबिक भर्ती प्रक्रिया में पेपर में विज्ञापन निकालना जरूरी है।
बम्हनीडीह ब्लॉक में इन दिनों जनप्रतिनिधियों द्वारा आंगनबाड़ी के परियोजना अधिकारी से मिलीभगत कर आंगनबाड़ी में रिक्त 27 कार्यकर्ता व सहायिका के पदों के लिए भर्ती के लिए आवेदन मंगाया जा रहा है। उक्त रिक्त पदों पर भर्ती के लिए किसी भी स्थानीय अखबारों में इश्तहार नहीं निकाला गया है। दिलचस्प बात यह है कि जब आवेदक आवेदन जमा करने जा रहे हैं उन्हें पावती भी नहीं दी जा रही है। जबकि शासकीय विभाग अगर किसी भी पद के लिये अगर आवेदक से आवेदन ले रहा है तो आवेदक को बकायदा पावती दी जाती है पर यहां तो आवेदनकर्ताओं से साफ कहा जा रहा है कि आवेदन जमा करना है तो करो, नहीं करना है तो जा सकते हो।

आवेदक को यह हो सकती है परेशानी
आवेदक महिला एवं बाल विकास में आवेदन जमा करने के बाद अगर पावती नहीं दी जा रही है तो उसके आवेदन के साथ छेड़छाड़ किया जा सकता है। या फिर उनके दस्तावेज गुम होने की भी संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। विभाग कोई भी प्रमाण पत्र नहीं होना बता कर आवेदन निरस्त कर सकता है। जिससे आवेदक को काफी परेशानी हो सकती है।

भर्ती कराने दलाल सक्रिय
सूत्रों से पता चला है कि भर्ती प्रक्रिया में दलाल सक्रिय हो गए हैं। दलालों द्वारा आवेदकों के पास जाकर पैसो की मांग की जा रही है। पैसा देने के स्थिति में नौकरी लगाने का आश्वासन दिया जा रहा है। एक से दो लाख रुपए की डिमांड हो रही है।

कहां कितनी पोस्ट की वेकेंसी है इसकी सूचना भी दफ्तर के बाहर चिपकाने के बजाए अंदर चस्पा की गई है। अधिकारियों की मंशा है कि गुपचुप तरीके से भर्ती हो जाए।

समिति प्रभारी को किया अलग

जनपद पंचायतों में प्रत्येक विभाग के लिए एक समिति का गठन किया गया होता है। महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी आशा साहू को दी गई है। उन्हें भर्ती की जानकारी ही नहीं है। इस संबंध में आशा साहू से बात की गई तो उन्होंने भर्ती के संबंध में अनभिज्ञता जताई।
प्रक्रिया के अनुसार ही भर्ती की जानी चाहिए।अगर किसी तरह की गड़बड़ी हो रही है तो जानकारी लेकर तत्काल जांच के आदेश में दूंगा।

नीरज कुमार बंसोड़, कलेक्टर जांजगीर चांपा

भर्ती के लिए विज्ञापन जारी नहीं किया गया है। क्योंकि इसके लिए समय नहीं था। लेकिन जनपदों के गांवों में सरपंचों को सूचना दी गई है।
– अमित भरत, परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग
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