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सिलिकोसिस से महिला मजदूर की मौत, शव के साथ परिजन व शिवसेना ने चांपा थाने में दिया धरना

locationजांजगीर चंपाPublished: Nov 30, 2017 06:21:37 pm

Submitted by:

Vasudev Yadav

– पुलिस ने मामले में शिकायत दर्ज करते हुए महिला के शव को पीएम के लिए बीडीएम अस्पताल भिजवाया

सिलिकोसिस से महिला मजदूर की मौत, शव के साथ परिजन व शिवसेना ने चांपा थाने में दिया धरना
जांजगीर-चांपा. जिले के चांपा थानांतर्गत ग्राम बहेराडीह में संचालित कारखाना में कार्यरत भदरा-सिवनी गांव की एक महिला मजदूर की सिलिकोसिस नामक बीमारी की चपेट में आने से मौत हो गई। महिला की मौत के बाद परिजनों ने कंपनी प्रबंधन पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग को लेकर चांपा थाना में हंगामा कर दिया।
जिले में संचालिक औद्योगिक संस्थानों में सुरक्षा मानकों को ध्यान में नहीं रखने का आरोप लगते रहा है। इसके चलते मजदूर गंभीर बीमारियों की जद में आ रहे हैं और असमय काल की गाल में समा रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में भदरा-सिवनी गांव की एक महिला मजदूर की सिलिकोसिस नामक बीमारी की चपेट में आने से मौत हो गई। इसके बाद शिवसेना सहित परिजनों ने काफी हंगामा मचाया। उन्होंने महिला की मौत सिलिकोसिस से होने का आरोप लगाते हुए शव के साथ चांपा थाने में धरना दे दिया।
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आखिरकार पुलिस ने मामले में शिकायत दर्ज करते हुए महिला के शव को पीएम के लिए बीडीएम अस्पताल भिजवाया। बताया जा रहा है महिला बहेराडीह में संचालित कृष्णा इंडस्ट्रीज में काम करती थी। काम के दौरान ही उसे लाइलाज सिलिकोसिस बीमारी लगी थी। हालांकि अभी सिलिकोसिस की पुष्टि अभी नहीं हो पाई है।
चांपा थाना क्षेत्र के ग्राम भदरा सिवनी निवासी गंगोत्री कंवर 40 पति राधेश्याम कंवर ग्राम बहेराडीह में संचालित कृष्णा इंडस्ट्रीज में काम करती थी। वहां कृष्णा इंडस्ट्रीज के अलावा तीन फैक्ट्री संचालित है। फैक्ट्री में पत्थर पिसाई का काम होता है। मृतक गंगोत्री के पति राधेश्याम कंवर ने बताया कि गंगोत्री ने दो साल तक उक्त फैक्ट्री में काम किया। काम के दौरान ही उसे खांसी व सांस लेने में तकलीफ होती थी। उसका वजन एकाएक कम हो गया था। एक साल पहले बीमारी की वजह से वह काम करने में अक्षम हो गई। इस वजह उसे मजबूरन काम छोडऩा पड़ा।
इस दौरान स्थानीय स्तर पर उसका इलाज कराया गया। वहीं रायपुर के मेकाहारा में भी उसका इलाज कराया गया, लेकिन लाइलाज बीमारी होने के कारण उसकी मौत हो गई। आपकों बता दें कि इसी फैक्ट्री में काम करने वाली गायत्री मन्नेवार को भी बीमारी हुई थी। बाद में उसे सिलिकोसिस होने की पुष्टि हो गई। दो साल पहले उसकी मौत हो गई। इसी आशंका से शिवसेना के जिलाध्यक्ष ओंकार सिंह गहलोत, जिला सचिव राकेश शर्मा, शुभम राजपूत सहित अन्य ने गंगोत्री कंवर को मेकाहारा अस्पताल रायपुर ले जाकर उसकी जांच करवाई थी। हालांकि उसकी रिपोर्ट अब तक नहीं आई है।

गंगोत्री की मौत के बाद शिवसेना सहित परिजनों ने महिला की मौत सिलिकोसिस से होने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा मचाया। वो महिला के शव को लेकर सीधे चांपा थाना ले गए और वहां कंपनी प्रबंधन के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का अपराध दर्ज करने तथा शव का पीएम कराने की मांग को लेकर धरना दे दिया। इसके बाद पुलिस ने मामले में शिकायत दर्ज करते हुए शव को पीएम के लिए बीडीएम अस्पताल भिजवाया, जहां शाम तक पीएम हो सका। पुलिस का कहना है कि पीएम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
10 लाख मुआवजा की मांग
मृतक गंगोत्री के पति राधेश्याम कंवर का कहना है कि काम के दौरान बीमार होने पर भी कंपनी प्रबंधन ने चवन्नी की भी मदद नहीं की। उल्टा गंगोत्री को काम से निकालकर उसे अपने हाल पर छोड़ दिया। उसने बताया कि वो बेहद गरीब हैं और पति-पत्नी किसी तरह रोजी मजदूरी कर परिवार की गाड़ी खींच रहे हैं। उसकी बड़ी पुत्री ज्योति कंवर की छह माह पहले शादी हो गई, जबकि एक पुत्री रेवती कक्षा चौथी में पढ़ती है। घर के कमाउ सदस्य की बीमारी से मौत होने के बाद उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उसने फैक्ट्री प्रबंधन से दस लाख रुपए मुआवजे की मांग की है।

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