पुलिस के मुताबिक दिनेश परिवार के साथ घर के दूसरे कमरे में सोए हुए थे। तभी अचानक आग का धुआं कमरे की तरफ आया तो उनकी नींद खुल गई। उन्होंने कमरे से बाहर निकल कर देखा तो घर के चारों ओर आग ही आग दिखाई दे रहा था। इस बीच दिनेश ने अपने परिजन को आनन-फानन में फोन लगाकर आगजनी की घटना के बारे में बताया। इसके बाद उनके परिजन संदीप सिंगसर्वा व कृष्ण कुमार सिंगसर्वा दिनेश के घर के बाहर पहुंचे और आग को देखकर उनके भी होश उड़ गए। फिर भी किसी तरह दोनों ने सामने के शटर को खोल कर जान जोखिम में डालकर अंदर घुसकर दिनेश व उनके परिवार को सकुशल सुरक्षित मकान से बाहर निकाला। मकान पर आग इतनी भयानक लगी थी कि जिस रूम में आग लगी वह रूम में रखे बेड, आलमारी, आलमारी के जेवर, कूलर, पंखा, ड्रेसिंग टेबल, बर्तन, वाश बेसिन सहित उनके पत्नी व बच्चों का पूरा समान बुरी तरह से जलकर खाक हो गया। आगजनी में लगभग ढाई लाख का नुकसान होना बताया जा रहा है। मामले की सूचना पर पुलिस ने आगजनी का मामला कायम किया है।
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नहीं तो जा सकती थी लोगों की जान
समय रहते दिनेश की नींद खुल गई नहीं तो उसके परिवार के साथ किसी भी प्रकार की बड़ी घटना घट सकती थी। साथ ही मकान के चारों ओर तेज आगजनी के वजह से मकान के चारों ओर दीवार पर दरारें पड़ गई है।