शुभ मुहूर्त पर मंदिरों में होगी घटस्थापना, दो साल बाद इस बार बढ़ेगी भीड़
जांजगीर चंपाPublished: Sep 25, 2022 07:53:48 pm
सोमवार से शुरू हो रही शारदीय नवरात्रि में नवदुर्गा की आराधना शुरू हो जाएगी। ध्वज-पताकाओं, बंदनवारों से सजे-धजे और रोशनी से नहाए मंदिरों में नौ दिनों तक आस्था के दीप जगमगाएंगे।
भक्तों की भीड़ दर्शन-पूजन के लिए उमड़ पड़ेगी। शहर सहित अंचल के मंदिरों में नवरात्रि की विशेष आराधना की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस बार दो साल कोरोना काल के बाद अच्छी भीड़ पांडालों व देवी मंदिरों में उमड़ेगी। देवी मां इस बार हाथी में सवार होकर आएंगी।
नवरात्रि के नौ दिन दुर्गा के नौ रूपों की उपासना के दिन माने जाते हैं। उपासना का पर्व शारदीय (क्वांर) नवरात्र २६ सितंबर से शुरू हो रहा है। अंचल के सभी देवी मंदिरों में नवरात्रि की तैयारियों को रविवार को अंतिम रूप दिया गया। मंदिरों में भव्य सजावट व रंग-रोगन किया गया है। क्वांर प्रतिपदा पर सोमवार को सुबह शुभ मुहूर्त पर घटस्थापना की जाएगी और इसके साथ ही देवी मंदिरों में आस्था का ज्वार उमड़ पड़ेगा। भक्ति भरे माहौल में घंटे-घडिय़ाल गूंजने लगेंगे। पर्व के दौरान जसगीत, भजन-कीर्तन व अन्य धार्मिक आयोजन होंगे। नारियल, अगरबत्ती, फूल व चढ़ावे लिए भक्त मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना करेंगे। शहर व अंचल के सभी देवी मंदिरों में ज्योति कलश के रूप में आस्था के दीप जगमगाएंगे। चंद्रपुर की चंद्रहासिनी देवी, हरदी के महामाया मंदिर, खोखरा स्थित मनकादाई मंदिर, चांपा की समलाई दाई मंदिर, बलौदा में सरई शृंगार, अड़भार स्थित अष्टभुजी देवी मंदिर समेत अंचल के सभी देवी मंदिरों में नवरात्रि के पहले ही दिन से ज्योति कलश जगमगाएंगे। देवी साधकों द्वारा नौ दिनों तक उपवास भी रखा जाएगा। जिसकी पारणा नवमी के दिन की जाएगी। नवरात्रि में देवी मंदिरों में प्रतिदिन सुबह व शाम आरती के साथ भजन मंडलियों द्वारा जसगीत प्रस्तुत किया जाएगा। इस बार कोरोना का साया नहीं होने से देवी मंदिरों में भीड़ उमडऩे की संभावना जताई जा रही है।
नैला रेलवे स्टेशन का दुर्गोत्सव होगा आकर्षकण का केन्द्र
हर साल अपने नए अंदाज में पांडाल व दुर्गोत्सव को भव्य बनाने नैला रेलवे स्टेशन दुर्गोत्सव समिति इस बार भी आकर्षण का केन्द्र रहेगा। यहां विशाल पांडाल में हीरे-मोती और रत्नों से जडि़त ३५ फीट ऊंची मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित होगी। मां दुर्गा स्वर्ण कमल में विराजमान रहेगी। कई स्थानों पर विशाल पांडाल सजाए जा रहे हैं। इसके अलावा मूर्तिकार भी प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। मूर्तिकारों के पास प्रतिमाएं लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। पूरे दिन जयकारे के साथ प्रतिमाएं ले जाने का सिलसिला चलता रहा।
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