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सरकार का खजाना बढ़ाने शासन ने दिए पांच और रेत घाट खोलने की आदेश

locationजांजगीर चंपाPublished: Feb 05, 2020 07:40:10 pm

Submitted by:

Deepak Gupta

तीन नगरीय निकाय तो दो ग्रामीण अंचल में रेत घाट खोलने की चल रही कवायद

सरकार का खजाना बढ़ाने शासन ने दिए पांच और रेत घाट खोलने की आदेश

सरकार का खजाना बढ़ाने शासन ने दिए पांच और रेत घाट खोलने की आदेश

जांजगीर-चांपा. राजस्व का आंकड़ा बढ़ाने व जिले में पर्याप्त खनिज संपदा को देखते हुए प्रशासन ने पांच और रेत घाट खोलने के आदेश जिले के खनिज विभाग को दिया गया है। जिसमें तीन नगरीय निकाय तो दो ग्रामीण अंचल में रेत घाट खोलने की कवायद खनिज विभाग ने कर दी है। आने वाले समय में बहुत जल्द इसके लिए कागजी औपचारिकता पूरी कर रेत घाट खोले जाएंगे।
शासन का खजाना खाली होते नजर आ रहा है। इसकी आपूर्ति के लिए राज्य शासन की तरह की कवायद कर रही है। ताकि शासन के कोष में किसी तरह आय हो और खजाना भरे। जिसे देखते हुए जिले में पांच और रेत घाट खोलने की कवायद खनिज विभाग में चल रही है। हालांकि जिले में अब तक 33 रेत घाट खुल चुके हैं। इसके अलावा पांच और रेत घाट खोलने कागजी कार्रवाई शुरू हो चुकी है। जिसमें नगरीय निकाय क्षेत्र में चंद्रपुर महानदी, चांपा के हसदेव नदी एवं शिवरीनारायण के भोगहा पारा में रेत घाट के लिए बहुत जल्द ठेके की कार्रवाई होगी। इसके अलावा ग्रामीण अंचल में चांपा इलाके के घुठिया एवं लछनपुर गांव में बहुत जल्द रेत घाट खोले जाएंगे। नजदीकी इलाके में रेत घाट बढऩे से एक ओर शासन का आय बढ़ेगा वहीं लोगों को सस्ते दर में रेत भी आसानी से उपलब्ध हो जाएगा। रेत घाट खुल जाने से शासन को सबसे बड़ा फायदा यह मिलता है कि उस इलाके से रेत की चोरी नहीं हो पाती। उल्टे शासन को राजस्व की प्राप्ति होती है।

52 रेत घाट खोलने का लक्ष्य
राज्य शासन ने जिले में 52 रेत घाट खोलने का लक्ष्य दिया है। जिसमें अब तक 33 रेत खदाने ही खुल पाई है। पांच और रेत घाट खुल जाने से आंकड़ा 38 रेत घाट हो जाएगा। इसके अलावा आने वाले समय में छह और बड़ी खदाने खोलने का टारगेट दिया गया है। इसके लिए पर्यावरणीय जनसुनवाई की औपचारिकता पूरी करनी होगी। इस तरह आने वाले दिनों में 44 रेत घाट संचालिक किए जाएंगे।

इसलिए जनसुनवाई जरूरी
रेत खदाने खुलने से क्षेत्र की जनता को किसी तरह की आपत्ति तो नहीं है। भारी वाहनों के आवागमन को लेकर क्षेत्र की जनता की राय लेना जरूरी है। हालांकि इसके लिए जनसुनवाई केवल औपचारिकता रहती है। क्योंकि ठेकेदार को सभी मानकों को पूरा करने की दिहायत दी जाती है। इसके अलावा पर्यावरण विभाग, राजस्व एवं वन विभाग से भी अनुमति लेना जरूरी रहता है। राजस्व व वन विभाग से आसानी से इसके लिए अनुमति मिल जाती है।

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